त्रिपुरा में भांग की खेती और तस्करी करने के फिर से नए मामले सामने आए हैं। इससे पहले करीब 2023 में त्रिपुरा के सीएम माणिक साहा ने कहा था कि गांजा तस्करी को लोग अपने गलियारे के रुप में उपयोग कर रहे हैं क्योंकि त्रिपुरा राज्य बांग्लादेश के साथ 856 किलोमीटर लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा से घिरा हुआ है। साल 2023 से लेकर अब तक इस मामले में करीब 1800 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं।
आपको बता दें कि त्रिपुरा से ड्र्ग तस्कर तथा भांग की खेती करने के आरोप में कई लोग पकड़े गए हैं, जिनमें से इनकी संख्या लगभग 1800 बताई जा रही है। राज्य के गृह विभाग के द्वारा विधानसभा में कुछ दिन पहले ही एक रिपोर्ट पेश की गई थी। इसमें मार्च 2023 से लेकर फरवरी 2025 तक, इन दो वर्षों में गांजा तस्करी के आरोप में पकड़े गए पुरुषों की संख्या 1626 है, जबकि महिलाओं की संख्या करीब 171 बताई जा रही है। पिछले 2 सालों में कुल 1791 लोग इस मामले में पकड़े गए हैं।
पुलिस स्टेशन में 994 मामले हुए दर्ज
वहीं, गिरफ्तार किए गए लगभग 10 लोगों को राज्य की अलग-अलग कोर्ट में सजा सुनाई जा चुकी है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च 2023 से फरवरी 2025 तक त्रिपुरा के अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) में अब तक 994 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इसके अलावा पिछले करीब तीन सालों मे फरवरी माह तक पुलिस द्वारा एनडीपीएस मामलों में करीब 1445 चार्जशीट पेश की जा चुकी है।
10 के बजाय 20 साल की जा सकती है सजा
त्रिपुरा में भांग की खेती और तस्करी के मामले में लोगों के लिए दस साल तक के कठोर कारावास का भी प्रावधान किया गया है। हालांकि, बढ़ते मामलों को देखते हुए इसे 20 साल तक भी किया जा सकता है। इसके अलावा 1 से 2 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। राज्य सरकार ने इन मामलों में तीन सालों में अलग-अलग चीजों को भी जब्त किया है, जिसमें से 1.54 लाख किलोग्राम भांग, 4.82 लाख कफ सिरप की बोतलें, 25. 01 लाख याबा टैबलेट और 5,853.94 हेक्टेयर भूमि पर फैले भांग के पौधों को भी बर्बाद किया जा चुका है।