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The Modi Question: BBC Documentary पर बैन वाली PIL सुप्रीम कोर्ट से खारिज, जानें किसने दाखिल की थी याचिका

The Modi Question: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ नाम के BBC की डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण पर बैन लगाने वाली जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया। बता दें कि भारत सरकार ने 2002 के गुजरात दंगों को लेकर यूके के ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) की दो-भाग सीरीज […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Feb 23, 2024 14:36
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Today Headlines, Supreme Court, CBI, ED, Manish Sisodia, Abdulla Azam, IPL

The Modi Question: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ नाम के BBC की डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण पर बैन लगाने वाली जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया। बता दें कि भारत सरकार ने 2002 के गुजरात दंगों को लेकर यूके के ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) की दो-भाग सीरीज पर नाराजगी जताई थी। फैसला लेते हुए केंद्र सरकार ने डॉक्यूमेंट्री की दोनों की सीरीज को चुनिंदा प्लेटफार्मों से हटा दिया था।

सूत्रों के अनुसार, 21 जनवरी को केंद्र ने विवादास्पद बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के लिंक साझा करने वाले कई YouTube वीडियो और ट्विटर पोस्ट को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए थे। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए PIL को पूरी तरह से गलत करार दिया।

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याचिकाकर्ताओं ने बैन की मांग को लेकर किया था सुप्रीम कोर्ट का रूख

याचिकाकर्ताओं ने 2002 के गुजरात दंगों पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री और उनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित भूमिका को लेकर बीबीसी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था। सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने कहा कि आप इस पर बहस भी कैसे कर सकते हैं? यह पूरी तरह से गलत है। आप अदालत से बीबीसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए कैसे कह सकते हैं? (Ambien)

हिंदू सेना के अध्यक्ष ने दायर की थी जनहित याचिका

हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि बीबीसी हमारे देश और भारत सरकार के खिलाफ पक्षपाती है। याचिका में ये भी आरोप लगाया गया कि बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ भारत और उसके प्रधानमंत्री के वैश्विक उदय के खिलाफ एक गहरी साजिश का परिणाम है।

दलील में याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि बीबीसी की ओर से 2002 की गुजरात हिंसा से संबंधित डॉक्यूमेंट्री फिल्म में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न केवल उनकी छवि को धूमिल करने के लिए प्रसारित किया गया है, बल्कि इसमें नरेंद्र मोदी के विरोध के प्रचार की झलक दिखती है। ये भी कहा गया कि ये डॉक्यूमेंट्री भारत के सामाजिक ताने-बाने को नष्ट करने के लिए बीबीसी की ओर से हिंदू धर्म विरोधी प्रचार है।

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क्या है बीबीसी डॉक्यूमेंट्री विवाद?

बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ पिछले महीने ब्रिटेन में प्रसारित हुआ था। इस सीरीज को लेकर भारत में विवाद छिड़ गया। विदेश मंत्रालय ने इस डॉक्यूमेंट्री को झूठा प्रचार कहकर खारिज कर दिया था। कहा गया था कि इस डॉक्यूमेंट्री में निष्पक्षता का अभाव था और एक औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता था।

सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर और यूट्यूब को बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के लिंक ब्लॉक करने का निर्देश दिया था, जिसमें दावा किया गया है कि इसने 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित कुछ पहलुओं की जांच की थी जब पीएम मोदी राज्य के मुख्यमंत्री थे।

केंद्र पर सेंसरशिप का आरोप लगाते हुए विपक्षी दलों ने इस कदम पर हंगामा खड़ा कर दिया था। सरकार के आदेश की अवहेलना करते हुए विपक्षी दलों के छात्र संगठनों और युवा शाखाओं ने विभिन्न राज्यों में कॉलेज परिसरों और सार्वजनिक स्थानों पर डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की थी।

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First published on: Feb 10, 2023 02:00 PM

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