---विज्ञापन---

Explainer: कैसे रिकॉर्ड किया जाता है न्यूनतम और अधिकतम तापमान? आसान शब्दों में समझिए

Temperature Recording: आईएमडी या फिर अन्य मौसम एजेंसियों से आपने दिन के न्यूनतम तापमान और अधिकतम तापमान के बारे में सुना होगा। न्यूनतम तापमान 24 घंटे में किसी जगह का सबसे कम टेंपरेचर होता है तो अधिकतम तापमान किसी जगह का 24 घंटे में सबसे ज्यादा टेंपरेचर होता है। इस रिपोर्ट में जानिए कि आखिर न्यूनतम और अधिकतम तापमान को रिकॉर्ड कैसे किया जाता है।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: May 31, 2024 20:28
Share :
Thermometer
Representative Image (Pixabay)

How Minimum And Maximum Temperatures Recorded : बीती 29 मई को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तापमान 52.9 डिग्री सेल्सियस तो राजस्थान के चुरू में 50.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। गर्मियों का यह सीजन उत्तर भारत के लिए अब तक के सबसे गर्म सीजन में से एक हो गया है। लेकिन क्या कभी आपने गौर किया है कि दुनियाभर की मौसम एजेंसियां किस तरह न्यूनतम और अधिकतम तापमान रिकॉर्ड करती हैं? इस रिपोर्ट में इस सवाल के साथ जानिए कि रिकॉर्ड किया गया तापमान कितना सही होता है और क्यों इनकी सटीकता पर अक्सर सवाल उठते रहते हैं।

जयपुर मौसम विज्ञान केंद्र के डायरेक्टर राधेश्याम शर्मा का कहना है कि आधिकारिक टेंपरेचर रिकॉर्डिंग धरती की सतह की नहीं बल्कि जमीन से 1.25 मीटर ऊपर हवा की होती है। यह अंतर अहम है क्योंति रेत या मेटल जैसी सतहें सीधी धूप में ज्यादा तेजी से गर्म होती हैं। इससे हवा के असली तापमान की जगह ज्यादा ऊंची रीडिंग मिलेंगी। उन्होंने कहा कि दोपहर में अगर हम किसी भी सतह का तापमान लें, चाहे वह सड़क हो, कोई मेटल हो या गाड़ी का मेटल से बना हिस्सा हो, धूप इन सतहों के तापमान को दोपहर में तेजी से बढ़ाती है। हवा के तापमान की तुलना में इन सतहों का टेंपरेचर ज्यादा होगा।

किस तरह मापा जाता है सटीक तापमान?

मौसम विज्ञान केंद्र सटीक तापमान मापने के लिए 4 स्पेशलाइज्ड थर्मामीटर्स का इस्तेमाल करते हैं। ये लकड़ी के एक बॉक्स में रखे होते हैं जिसे स्टीवेंसन स्क्रीन कहा जाता है। इसे जमीन से करीब 4 फीट की ऊंचाई पर रखा जाता है। यह एक सफेद रंग का बॉक्स होता है जिसमें हवा फ्लो होते रहने की जगह होती है। इन बॉक्स को उत्तर की ओर मुह करके रखा जाता है। इससे एकदम सटीक टेंपरेचर रीडिंग मिलती है जिस पर धूप या छांव का बहुत ज्यादा असर नहीं होता है। इन थर्मामीटर तो सीधी धूप से बचाने के लिए कवर करके रखा जाता है। ताकि तापमान की रीडिंग में किसी तरह की गड़बड़ न हो।

चारों थर्मामीटर का क्या-क्या काम होता है

इस बॉक्स में रखे गए चार थर्मामीटर में एक को ड्राई बल्ब थर्मामीटर के नाम से जाना जाता है। यह डायरेक्टली हवा का एंबिएंट टेंपरेचर यानी परिवेश के तापमान को रिकॉर्ड करता है। वहीं, वेट बल्ब नाम का दूसरा थर्मामीटर वातावरण में रिलेटिव नमी को ट्रैक करने का काम करता रहता है। इनमें से एक थर्मामीटर पूरे दिन के अधिकतम तापमान को मापता है तो चौथा थर्मामीटर रात भर न्यूनतम तापमान पर नजर रखता है। यह तरीका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य है और दुनियाभर के मौसम केंद्र इसी के आधार पर काम करते हैं। इसी तरीके से रिकॉर्ड किए गए डाटा को मौसम वैज्ञानिक भी सही मानते हैं।

ये भी पढ़ें: 56 पहुंचा तापमान; दिल्ली के बाद नागपुर के पारे पर IMD के अलर्ट बढ़ा रहे टेंशन

ये भी पढ़ें: दिल्ली सरकार ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, पड़ोसी राज्यों से मांगा पानी

ये भी पढ़ें: देश में भीषण गर्मी के बीच Assam में बाढ़ जैसे हालात, एक की मौत, देखिए Video

First published on: May 31, 2024 08:28 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें