पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत में रह रहे एक परिवार के 6 पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक लगाई। बता दें कि एक कश्मीरी व्यक्ति ने अपने और अपने परिवार के सदस्यों को जम्मू-कश्मीर से पाकिस्तान भेजे जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को अपनी मांग उचित अथॉरिटी के पास रखने को कहा। साथ में याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा है कि उनके पास वैध इंडियन पासपोर्ट भी है। उन्होंने अपनी अर्जी में लिखा भी है कि उनके परिवार के पास भारतीय आधारकार्ड भी है।
परिवार के पास वैध इंडियन पासपोर्ट
याचिकाकर्ता के वकील नंद किशोर ने कहा कि यह एक चौंकाने वाला मामला है। हमें सीमा पर हिरासत में लिया गया है। हम भारतीय नागरिक हैं, हमारे पास भारतीय पासपोर्ट, आधार कार्ड है। मेरे परिवार को गाडी में बैठाकर वाघा सीमा पर ले जाया गया है। देश से बाहर निकाले जाने की कगार पर है, जबकि हम भारतीय नागरिक है। हमें नोटिस जारी कर कहा गया था, कि हम यहां से चले जाएं। हम टोटल 6 लोग हैं। हमारे माता-पिता, एक बहन और भाई तथा दो बेटे बेंगलुरू में काम करते हैं। हमारे पास विदेश मंत्रालय द्वारा जारी पासपोर्ट हैं।
सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि इन लोगों को संबंधित अधिकारियों के पास जाना चाहिए।
2000 से पूरा परिवार श्री नगर में रह रहा
बता दें कि याचिकाकर्ता अहमद तारिक बट्ट का पिता तारिक मशकूर बट्ट पाक अधिकृत कश्मीर के मीरपुर का निवासी है। उसकी मां नुसरत बट्ट श्रीनगर में जन्मी है। याचिका के मुताबिक तारिक बट्ट 1997 तक पाक अधिकृत कश्मीर के मीरपुर में रहा। फिर 2000 में पूरा परिवार सरहद पार कर श्रीनगर आ गया। वह कई सालों तक कश्मीर घाटी में रहा। फिलहाल वो बेंगलुरू में रहता है। इस बीच उसने केरल के कोझिकोड में स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान यानी आईआईएम से स्नातक की डिग्री ली। कुछ वर्षों से वह बेंगलुरू में एक IT कंपनी में कार्यरत है।
परिवार के पास भारतीय पासपोर्ट-आधारकार्ड
उसने अपनी अर्जी में लिखा भी है कि उसके और उसके परिवार के पास भारतीय पासपोर्ट और आधार कार्ड है। परिवार में उसकी बहन आयशा तारिक, भाई अबुबकर तारिक और उमर तारिक बट्ट हैं। याचिका के मुताबिक तारिक बट्ट मीरपुर में रहते थे। लेकिन पासपोर्ट में जन्म स्थान श्रीनगर है।