सुप्रीम कोर्ट: पूर्व न्यायाधीश पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 15 नवंबर को सुनवाई करेगा। बुधवार को अदालत ने मामले में सप्रीम कोर्ट के सेकेट्री जनरल को मौजूदा और सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामलों में जांच तंत्र से संबंधित जवाब देने का निर्देश दिया है।
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सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति ए एस ओका और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने सेकेट्री जनरल को इस मुद्दे पर चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने अदालत को बताया वह इस तरह की शिकायतों से निपटने के लिए न्यायपालिका के भीतर एक तंत्र विकसित करने पर नवीनतम घटनाओं से संबंधित कुछ अतिरिक्त सामग्री दाखिल करना चाहेंगी।
शीर्ष अदालत 2014 में एक लॉ इंटर्न द्वारा सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व न्यायाधीश पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। न्यायाधीश ने जनवरी 2014 में दिल्ली उच्च न्यायालय से मीडिया के खिलाफ पीड़िता द्वारा लगाए गए "आरोपों को उजागर करने वाली किसी भी सामग्री" को प्रकाशित करने से रोक दिया था। न्यायाधीश ने दावों को "निराधार, धोखाधड़ी और प्रेरित" के रूप में खारिज कर दिया था। जनवरी 2014 में शीर्ष अदालत ने सुनवाई के लिए याचिका को स्वीकार करते हुए कहा था कि "आज की तारीख में, सभी न्यायिक अधिकारियों, मौजूदा या सेवानिवृत्त
न्यायाधीशों के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायतों की जांच करने के लिए कोई तंत्र नहीं है।
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