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‘क्या मैं भीख मांगूं…’, कैमरे के सामने रो पड़ीं ‘मुगल खानदान की बहू’, सुल्ताना बेगम ने क्या कहा?

मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर के परपोते की विधवा सुल्ताना बेगम ने लाल किले पर अधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट से मांग खारिज किए जाने के बाद सुल्ताना बेगम भावुक हो गईं।

Author Edited By : Avinash Tiwari Updated: May 5, 2025 21:04
Sultana Begum, great-granddaughter-in-law of the last Mughal emperor
सुल्ताना बेगम, अंतिम मुगल सम्राट के परपोते की विधवा पत्नी

मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर (द्वितीय) के परपोते की विधवा सुल्ताना बेगम इन दिनों चर्चाओं में हैं। उन्होंने लाल किले पर अधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया है। याचिका खारिज किए जाने के बाद सुल्ताना बेगम का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह अपनी व्यथा बताते हुए रो पड़ी हैं। दरअसल, सुल्ताना बेगम ने खुद को मुगल सम्राट की कानूनी उत्तराधिकारी बताते हुए राजधानी दिल्ली स्थित लाल किले पर कब्जे की मांग की थी।

कैमरे के सामने भावुक हुईं सुल्ताना बेगम

आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के परपोते की विधवा सुल्ताना बेगम, याचिका खारिज किए जाने के बाद भावुक हो गईं। उन्होंने कहा कि मैंने लाल किले का जिक्र नहीं किया, मैंने तो सिर्फ बहादुर शाह जफर के घर पर कब्जे की मांग की थी। मुझे नहीं पता कि वह लाल किला है, जफर महल है या फतेहपुर सीकरी, ये सब सरकार जानती है। हाई कोर्ट ने मांग खारिज कर दी कोई बात नहीं लेकिन मुझे उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट से मुझे न्याय मिलेगा, लेकिन आज वह उम्मीद टूट गई। अब मैं कहां जाऊं? क्या जाकर भीख मांगूं या बहादुर शाह जफर को बदनाम करूं? क्या करूं?

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उन्होंने कहा कि बहादुर शाह जफर ने अपने देश के लिए बहुत कुछ किया, उन्होंने अपने बेटे की कुर्बानी दी, उनका ताज छीन लिया गया, लेकिन उन्होंने कभी अपने देश के साथ गद्दारी नहीं की। मुझे कई देशों से मदद के प्रस्ताव मिले, पेरिस, झेलम आदि जगहों से मदद के प्रस्ताव मिला लेकिन मैंने कहा कि मैं अपने देश को नहीं छोड़ूंगी। इसके बाद मैं पूरी तरह टूट गई हूं। जिन्होंने अपने देश के साथ गद्दारी की, वे ऐशो-आराम की जिंदगी  जी रहे हैं, और जो शख्स अपने देश के लिए वफादार था, उसका परिवार आज तकलीफ में है।


उन्होंने यह भी कहा कि हमारी सुनने वाला कोई नहीं है। मैंने जनता से मदद लेने से इनकार कर दिया था क्योंकि मुझे सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा था। लेकिन अब जब कोई विकल्प नहीं बचा है, तो मैं जनता से मदद लूंगी।

याचिका पर जज की टिप्पणी

सुल्ताना बेगम की याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने टिप्पणी करते हुए चुटकी ली, “सिर्फ लाल किला ही क्यों, फतेहपुर सीकरी और बाकी ऐतिहासिक धरोहरों पर दावा क्यों छोड़ दिया?” इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने भी इस याचिका को स्पष्ट आधारों की कमी के कारण खारिज कर दिया था। सुल्ताना बेगम ने हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे अब खारिज कर दिया गया है।

मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर की वंशज रोशन आरा का बयान

वहीं आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर की वंशज रोशन आरा का कहना है कि हमने लाल किले पर कब्जे का दावा किया था। हालांकि हमें पता था कि हमें यह नहीं मिलेगा, फिर भी हमने याचिका दायर की क्योंकि हम आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं। हम ऐसे परिवार से हैं जिसने देश के लिए बलिदान दिया है। आज हमारी याचिका खारिज कर दी गई, जो हमारे साथ अन्याय है। बहादुर शाह जफर हमेशा देश के प्रति वफादार रहे, उन्होंने अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया। लेकिन बदले में हमें क्या मिला? हम देश के प्रति वफादार रहे और बदले में हमारी याचिका नहीं सुनी जा रही है।

उन्होंने कहा कि सुल्ताना जी ने भी कई बार मदद मांगी, लेकिन कोर्ट ने हमारे साथ न्याय नहीं किया। अंग्रेजों ने हमारे साथ बहुत अन्याय किया। अब अगर सरकार हमारी बात नहीं सुनती तो हम कहां जाएं? मुझे नहीं पता कि हमारा अगला कदम क्या होगा क्योंकि हमारी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि हम हर बार कोर्ट जा सकें लेकिन मैं सरकार से अनुरोध करती हूं कि वह हमारे परिवार की सुध ले। भारत में कई मुगल इमारतें हैं जिनसे सरकार को राजस्व मिलता है, लेकिन मुगलों का एक परिवार गरीब की तरह जीने को मजबूर है।

First published on: May 05, 2025 09:04 PM

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