BJP Modi Government Smile Scheme For Beggars: अब लोग को हाथ नहीं फैलाने पड़ेंगे। भीख नहीं मांगनी पड़ेगी, इस नारे के साथ भाजपा की मोदी सरकार ने अपना नया टारगेट सेट कर लिया है। इसके लिए 30 शहरों की सूची भी तैयार कर ली गई है। मकसद देश के 30 शहरों को भिखारियों से मुक्त करके लोगों का पुनर्वास करना है।
उत्तर में अयोध्या से लेकर पूर्व में गुवाहाटी और पश्चिम में त्र्यंबकेश्वर से लेकर दक्षिण में तिरुवनंतपुरम तक के शहर सेलेक्ट करके उन्हें ‘भिखारी मुक्त’ करने का ऐलान किया गया है। केंद्र सरकार का लक्ष्य भीख मांगने वाले वयस्कों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों का सर्वेक्षण करके उनका पुनर्वास और विकास करना है। उन्हें नया जीवन देना है।
Government draws up list of 30 key cities to make them free of beggars https://t.co/21oGRivzJI
---विज्ञापन---— Vikas Dabeer (@lchsdecapres) January 29, 2024
2026 तक शहरों को भिखारी मुक्त करने की योजना
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय का लक्ष्य इन 30 शहरों में उन ‘हॉटस्पॉट’ की पहचान करना है, जहां लोग भीख मांगते हैं। फिर 2026 तक इन 30 शहरों को भिखारियों से मुक्त बनाने में जिला और नगर निगम अधिकारियों का समर्थन करना है। भिखारियों के लिए शुरू की गई स्माइल योजना के तहत यह टारगेट सेट किया गया है।
30 शहरों में सर्वे कराने के लिए मंत्रालय फरवरी 2024 में एक नेशनल पोर्टल और मोबाइल ऐप लॉन्च करेगा, ताकि भिक्षावृत्ति में लगे लोगों का डेटा तैयार किया जा सके। 30 शहरों में से 25 शहरों में टारगेट अचीव करने का प्लान मिल गया है।
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सूचीबद्ध एक शहर में एक भी भिखारी नहीं होने का दावा
कांगड़ा, कटक, उदयपुर और कुशीनगर से अपनी प्लानिंग नहीं मिली है। वहीं एक दिलचस्प बात यह है कि भोपाल के सांची शहर के अधिकारियों ने मंत्रालय को बताया है कि उनके क्षेत्र में भीख मांगने वाला कोई व्यक्ति नहीं है, इसलिए किसी और शहर को सूचीबद्ध किया जा सकता हे।
कोझिकोड, विजयवाड़ा, मदुरै और मैसूर में भिखारियों का सर्वे पूरा कर लिया गया है। मंत्रालय कार्य योजना के आधार पर नगर निगम अधिकारियों को फंड जारी करेगा। इस फंड से ही भिखारियों का सर्वेक्षण, डाटा कलेक्शन, आश्रय स्थल पर स्थानांतरण, शिक्षा, कौशल विकास और रोजगार के साधन उपलब्ध कराकर उनका पुर्नवास किया जाएगा।