Sikkim Flash Floods Severals Killed Many Stranded: सिक्किम में मंगलवार रात आई अचानक बाढ़ से अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि बाढ़ प्रभावित अलग-अलग इलाकों में हजारों लोग फंसे हैं। वहीं, सेना के 22 जवान समेत 100 से ज्यादा लोग लापता लापता हैं। अधिकारियों ने कहा कि बुधवार को उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने से तीस्ता नदी बेसिन में बाढ़ आ गई।
अधिकारियों के मुताबिक, अब तक जिनके शव मिले हैं, उनकी पहचान आम नागरिक के रूप में हुई है। वहीं, बाढ़ के तेज बहाव में बहे सेना के 23 जवानों में से एक को बचा लिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि सिक्किम में रात करीब डेढ़ बजे शुरू हुई बाढ़ चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण और बढ़ गई।
3000 हजार से अधिक पर्यटकों के फंसे होने की आशंका
सिक्किम के मुख्य सचिव वीबी पाठक ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों से आए 3,000 से अधिक पर्यटकों के सिक्किम के विभिन्न हिस्सों में फंसे होने की खबर है। पाठक ने कहा कि चुंगथांग में तीस्ता चरण III बांध में कार्यरत कई कर्मचारी भी बांध की सुरंगों में फंसे हुए थे।
सिक्किम के मुख्य सचिव के मुताबिक, 14 पुल ढह गए हैं। इनमें से सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अधीन 9, जबकि राज्य सरकार के पांच हैं।
अब तक करीब 166 लोगों को बचाया
पाठक ने कहा कि मंगन जिले में चुंगथांग, गंगटोक जिले में डिक्चू, सिंगतम, पाक्योंग जिले के रंगपो में लोगों के लापता होने की जानकारी मिली है। अब तक करीब 150 से अधिक लोगों का रेस्क्यू किया गया है।
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने कहा कि बचाए गए सैनिक की स्वास्थ्य स्थिति स्थिर है। रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण पानी का स्तर अचानक 15-20 फीट की ऊंचाई तक बढ़ गया। उन्होंने कहा कि सेना के 22 जवानों के लापता होने की खबर है और 41 वाहन कीचड़ में डूबे हुए हैं। एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि सिक्किम और उत्तरी बंगाल में तैनात अन्य सभी भारतीय सेना के जवान सुरक्षित हैं, लेकिन मोबाइल संचार बाधित होने के कारण वे अपने परिवार के सदस्यों से संपर्क करने में असमर्थ हैं।
चार जिलों में स्कूल 8 अक्टूबर तक बंद
बाढ़ की भयावता के बीच शिक्षा विभाग ने कहा कि मंगन, गंगटोक, पाकयोंग और नामची जिलों में स्थित सभी स्कूल 8 अक्टूबर तक बंद रहेंगे। उधर, उत्तर बंगाल और बांग्लादेश के लिए बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है। चेतावनी उन इलाकों के लिए है, जहां से तीस्ता बहती है।
Just received very disconcerting news from #Sikkim that 23 soldiers as well as other people have been reported missing following a devastating flash flood. Awaiting news of their safety and welfare. pic.twitter.com/u4tYfbypIE
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) October 4, 2023
उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य की स्थिति का जायजा लेने के लिए बुधवार को मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग से बात की और उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सेना के लापता जवानों की सलामती के लिए प्रार्थना की है।
मुख्यमंत्री पीएस तमांग ने सिंगताम का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने सिंगताम नगर पंचायत कार्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें निगरानी रखने को कहा। उन्होंने कहा कि मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार जरूरतमंद लोगों को सभी आवश्यक सहायता और राहत प्रदान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। हम स्थिति की भयावहता को समझते हैं और अपने नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए सभी उपलब्ध संसाधन जुटा रहे हैं।
#WATCH | Sikkim: Aftermath of flash floods in Singtam after a cloud burst. pic.twitter.com/jB460Lex4j
— ANI (@ANI) October 4, 2023
प्रभावितों की मदद के लिए राहत शिविर स्थापित
इस बीच, सिक्किम सरकार ने प्रभावित इलाकों में खाद्य पदार्थों और जरूरी सामानों की कमी को देखते हुए सेना और NHIDCL की हेल्प से ‘बेली ब्रिज’ बनाने का फैसला किया है। साथ ही विस्थापितों के लिए सिंगतम, रंगपो, डिक्चू और आदर्श गांव में राहत शिविर बनाए हैं।
इस बीच, निचली धारा का उत्तरी बंगाल भी बुरी तरह प्रभावित हुआ क्योंकि उफनती तीस्ता नदी का पानी दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, कूच बिहार और जलपाईगुड़ी जिलों के कुछ हिस्सों में घुस गया। वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि 10,000 लोगों को बचाया गया है और राज्य के दक्षिणी और उत्तरी हिस्सों के नौ जिलों में 190 राहत शिविरों में रखा गया है।