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आखिर क्यों सेबी ने ‘Baap Of Chart’ के मालिक पर लगाया बैन? लौटाना पड़ेगा 17 करोड़

सेबी की जांच पाया गया है कि अंसारी को एक जनवरी 2021 से 7 जुलाई 2023 तक 2.89 करोड़ रुपये का ट्रेडिंग लॉस हुआ है, जबकि उसने 20-30 प्रतिशत मुनाफे का दावा किया था।

सेबी भवन मुख्यालय मुंबई
सेबी ने 'बाप ऑफ चार्ट्स' नाम की फर्म के मालिक मोहम्मद नसीरुद्दीन अंसारी पर बैन लगा दिया है। अंसारी पर सिक्योरिटीज मार्केट में डील करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके पहले सेबी को उसके खिलाफ शिकायतें मिली थीं। प्रतिबंधों के बाद अब वह शेयर बाजार में किसी भी प्रकार की डील नहीं कर पाएगा। इसके साथ ही अंसारी को गलत तरीके से कमाये गए 17.2 करोड़ रुपये जमा कराने के भी आदेश दिए गए हैं। नसीरुद्दीन अंसारी को प्रतिभूति व्यापार से प्रतिबंधित कर दिया गया है। वह 'बाप ऑफ चार्ट्स' नामक फर्म का मालिक है। सेबी ने पहले उसके खिलाफ जांच शुरू की थी। जांच में पाया गया कि उसने शैक्षिक व्यापार की पेशकश की आड़ में व्यापारियों को गुमराह किया है। इसके बाद बुधवार 26 अक्टूबर को एक अंतरिम आदेश जारी किया गया। इसमें अंसारी और उससे जुड़ी कंपनी पर प्रतिभूतियों की खरीद, बिक्री या लेनदेन पर प्रतिबंध लगा दिया। यूट्यूब पर लाखों हैं फॉलोअर्स सेबी के होल-टाइम डायरेक्टर अनंत नारायण ने अपने अंतरिम आदेश में कहा है कि सिक्योरिटीज मार्केट से जुड़े कोर्स मुहैया कराने की आड़ में वह लोगों को शेयर बाजार में ज्यादा मुनाफा का झांसा देता था। बता दें कि अंसारी के यूट्यूब चैनल पर करीब साढ़े चार लाख सब्सक्राइबर्स हैं। वहीं एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर उसके 78,000 फॉलोअर्स हैं। उसका एक टेलीग्राम चैनल भी है जिसपर 53 हजार फॉलोअर्स हैं। ये भी पढ़ें-Explainer: हमास को लेकर असंवेदनशीलता क्यों? जानें कौन से देश मानते हैं आतंकी-कौन से नहीं… अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक वह एक प्रमुख वित्तीय प्रभावशाली व्यक्ति है। वह सिफारिश करता है कि प्रतिभूति बाजार में कौन से स्टॉक खरीदने हैं और कौन से बेचने हैं। वह इसका सौदा करता है। ऐसा पाया गया है कि अंसारी अपनी फर्म के माध्यम से निवेशकों और अन्य ग्राहकों को उसके द्वारा प्रस्तावित कई 'एजुकेशनल पाठ्यक्रमों' में शामिल होने के लिए कहता है। सेबी के अनुसार बाजार नियामक ने यह भी कहा कि अंसारी ने प्रतिभूति बाजार से संबंधित 19 ऐसे पाठ्यक्रम बेचे, जिनमें से कुछ ने निश्चित रिटर्न का वादा किया था। वह अनरजिस्टर्ड इंवेस्टमेंट एडवाइजरी चलाता था। सेबी के मुताबिक अंसारी अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खुद को स्टॉक मार्केट का एक्सपर्ट बताता था। वह लोगों से कहता था कि वे शेयर बाजार से जुड़े उसके एजुकेशनल कोर्स में दाखिला लें। वह उन्हें विश्वास दिलाता था कि वे शेयर बाजार में निवेश करें, जिससे उन्हें ज्यादा फायदा होगा। सेबी की जांच में यह भी पाया गया है कि अंसारी को एक जनवरी 2021 से 7 जुलाई 2023 तक 2.89 करोड़ रुपये का ट्रेडिंग लॉस हुआ है, जबकि उसने 20-30 प्रतिशत मुनाफे का दावा किया था। ये भी पढ़ें-Explainer: दिल्ली NCR का एक गांव, जहां हर तीसरे घर में है एक कैंसर पेशेंट; जानें कैसे एक समस्या का हल बना दूसरी की वजह


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