नई दिल्ली: केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि भारत वैश्विक दक्षिण के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा केंद्र के रूप में उभरा है। वह वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट कार्यक्रम में ऑनलाइन बोल रहे थे। यह दो दिवसीय कार्यक्रम (12 और 13 जनवरी) है। विदेश मंत्री ने कहा कि कोविड के दौरान हम 100 से अधिक भागीदारों को टीके और 150 से अधिक देशों को दवाइयां प्रदान करके अंतर्राष्ट्रीय सहयोग में लगे रहे।
India has emerged as education and healthcare hub for the global south: S Jaishankar
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— ANI Digital (@ani_digital) January 12, 2023
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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “भारत सार्वभौमिक पहचान, वित्तीय भुगतान, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, डिजिटल स्वास्थ्य, वाणिज्य, उद्योग और रसद में हमारे गेम-चेंजिंग डिजिटल सार्वजनिक सामान सहित अपने अनुभवों और विशेषज्ञता को साझा करने के लिए तैयार है।”
आगे केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “78 देशों में भारत की विकास परियोजनाएं मांग-संचालित, पारदर्शी, सशक्तिकरण उन्मुख, पर्यावरण के अनुकूल हैं और एक परामर्शी दृष्टिकोण पर निर्भर हैं।” हमारे अभिसरण को बढ़ाने और उन मामलों पर एक आवाज के रूप में बोलने का हमारा ईमानदार प्रयास होगा जो हमारे समाज की शांति और समृद्धि के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में वर्चुअल तरीके से बोलते हुए कहा, “हमने विदेशी शासन के खिलाफ लड़ाई में एक-दूसरे का समर्थन किया और हम इस सदी में फिर से एक नया निर्माण कर सकते हैं।