पश्चिमी देशों द्वारा रूसी तेल कंपनियों को लेकर लिए गए हालिया कदमों पर रिलायंस इंडस्ट्री की तरफ से बयान आया है. रिलायंस ने कहा कि हमने रूस से क्रूड ऑयल के इंपोर्ट और यूरोप को रिफाइंड प्रोडक्ट्स के एक्सपोर्ट्स पर ईयू, यूके और अमेरिका द्वारा हाल ही में लगाए गए प्रतिबंधों पर ध्यान दिया है. रिलायंस वर्तमान प्रभावों का आकलन कर रही है, हम यूरोप में रिफाइंड प्रोडक्ट्स के इंपोर्ट पर ईयू के दिशानिर्देशों का पालन करेंगे.
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने शुक्रवार को कहा कि वह यूरोपीय संघ (EU), यूनाइटेड किंगडम (UK) और अमेरिका (US) द्वारा रूस के कच्चे तेल और रिफाइंड उत्पादों पर लगाए गए नए प्रतिबंधों के प्रभाव का गहन मूल्यांकन कर रही है.
कंपनी ने यह भी कहा कि जब भी भारत सरकार की ओर से इस मामले में कोई दिशा-निर्देश आएंगे, रिलायंस उनका पूर्ण पालन करेगी.
कंपनी सबी नियमों का करेगी पालन- रिलायंस
वहीं, रिलायंस ने दोहराया कि वह हमेशा भारत की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य के साथ कदम उठाती रही है. रिलायंस ने यह भी स्पष्ट किया कि कंपनी सभी लागू प्रतिबंधों और नियामक नियमों का पालन करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और रिफाइनरी संचालन को नए नियमों के अनुसार ढालेगी.
कंपनी ने कहा कि उद्योग में आम तौर पर सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट समय-समय पर बदलते रहते हैं ताकि बाजार और नियमों में हो रहे बदलावों के अनुरूप कार्य किया जा सके. रिलायंस अपने सप्लायर्स के साथ संबंध बनाए रखते हुए इन बदलावों को लागू करेगी.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस की दो प्रमुख तेल कंपनियों Rosneft और Lukoil पर सख्त प्रतिबंध लगाए हैं. यह प्रतिबंध यूक्रेन में रूस की जारी सैन्य कार्रवाई के जवाब में लगाए गए हैं और पश्चिमी वित्तीय बाजारों से रूस की ऊर्जा कंपनियों को लगभग अलग कर देते है. रिलायंस के पास वर्तमान में रोज़नेफ्ट से प्रतिदिन लगभग 500,000 बैरल कच्चा तेल खरीदने का दीर्घकालिक समझौता है और अतिरिक्त मात्रा वह अन्य माध्यमों से भी हासिल करती है.
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