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जब समुद्र में समा गई थी पूरी ट्रेन, 200 लोगों की गई थी जान; अब नए ब्रिज पर दौड़ेगी ट्रेन

नया पंबन ब्रिज से रामेश्वरम अब रेल मार्ग से अयोध्या और वाराणसी से जुड़ गया है। नए रेल ब्रिज का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया है। कई साल पहले पुराने रेल ब्रिज पर एक हादसा हुआ था, जिसमें पूरी ट्रेन समा गई थी।

Author Reported By : Kumar Gaurav Edited By : Avinash Tiwari Updated: Apr 6, 2025 16:02

रामेश्वरम और रामनाथस्वामी मंदिर चार धामों में एक पवित्र स्थल है। पंबन पुल के उद्घाटन के बाद अब ये तीर्थ स्थल अयोध्या और वाराणसी से रेल माध्यम से जुड़ गया। तीर्थस्थलों को जोड़ने का मोदी सरकार का एक और प्रोजेक्ट आज पूरा हो गया। रामेश्वरम, जिसे पंबन द्वीप भी कहा जाता है, हिन्दू धर्म के चार धामों में से एक है। यहां स्थित रामनाथस्वामी मंदिर विश्व का सबसे लंबा स्तंभयुक्त गलियारा (1,220 मीटर) वाला मंदिर है। यह मंदिर भगवान राम और भगवान शिव दोनों से जुड़ा है। मान्यता है कि रावण वध के पश्चात भगवान राम ने ब्रह्महत्या के पाप से मुक्ति के लिए यहां भगवान शिव की पूजा की थी।

राम सेतु: भूगर्भीय साक्ष्यों से जुड़ी पौराणिक आस्था

राम सेतु या आदम्स ब्रिज भारत और श्रीलंका को जोड़ने वाला एक पुराना स्थलमार्ग है। यह क्षेत्र धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। धनुषकोडी से तलाइमान्नार की दूरी मात्र 19 किलोमीटर है। भूगर्भीय प्रमाण भी राम सेतु को भारत-श्रीलंका के बीच प्राचीन स्थल संपर्क के रूप में दर्शाते हैं।

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1964 की तबाही: पंबन ट्रेन हादसा

22 दिसंबर 1964 को आई भीषण चक्रवात में पंबन-धनुषकोडी पैसेंजर ट्रेन समुद्र की लहरों में समा गई। इस हादसे में लगभग 200 लोगों की मौत हुई, जिनमें रेलवे अधिकारी अरुणाचलम कुमारास्वामी भी शामिल थे। इस त्रासदी के कारण पंबन पुल भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, लेकिन मात्र 67 दिनों में इसे फिर से चालू कर दिया गया और इस कार्य का नेतृत्व किया डॉ. ई. श्रीधरन ने, जो बाद में मेट्रोमैन के नाम से प्रसिद्ध हुए।

नया पंबन ब्रिज: तकनीक और नवाचार का प्रतीक

रेल मंत्रालय द्वारा फरवरी 2019 में स्वीकृत और प्रधानमंत्री मोदी द्वारा कन्याकुमारी में शिलान्यास किए गए नए पंबन ब्रिज का निर्माण नवंबर 2024 में पूर्ण हुआ । यह भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट सी ब्रिज होगा।

मुख्य विशेषताएं:

• लंबाई: 2.08 किमी
• लिफ्टिंग समय: 5 मिनट 30 सेकंड
• गति सीमा: 75 किमी/घंटा
• जंगरोधी निर्माण: 35 वर्षों तक सुरक्षा
• डिज़ाइन: स्पेन की कंपनी TYPSA द्वारा
• खाली जगह जहाजों के लिए: 72 मीटर
• स्टेनलेस स्टील से निर्माण और जोड़ रहित गार्डर तकनीक

रामेश्वरम को पूरे देश से जोड़ा गया

नए ब्रिज के बनने से रामेश्वरम से देश के विभिन्न हिस्सों तक सीधी ट्रेन सेवाएं उपलब्ध होंगी। इसमें कुल 14 जोड़ी ट्रेनों का विस्तार और एक नई ट्रेन तांब्रम से रामेश्वरम तक चलेगी।यहाँ से दैनिक ट्रेनें चेन्नई, मदुरै, तिरुचिरापल्ली तक चलेगी । त्रि-साप्ताहिक: तिरुपति और कन्याकुमारी तक जाएगी साथ ही यहाँ से साप्ताहिक ट्रेन अयोध्या, कोयंबटूर, ओखा, वाराणसी, फिरोजपुर और भुवनेश्वर से जुड़ेगी ।

राम सेतु और नया पंबन ब्रिज न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक हैं, बल्कि भारत की आधुनिक इंजीनियरिंग शक्ति का भी प्रमाण हैं। यह भारत के आस्था और तकनीक दोनों में विश्वास को दर्शाता है ।

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Edited By

Avinash Tiwari

Reported By

Kumar Gaurav

First published on: Apr 06, 2025 04:02 PM

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