PSLV-C55 लॉन्च: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शनिवार को अंतरिक्ष की दुनिया में एक बार फिर अपना परचम लहराए। करीब 2:19 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सिंगापुर के दो सैटेलाइट टेलीओएस-2 और ल्यूमलाइट-4 को लॉन्च किए गए।
यह PSLV की 57वीं उड़ान
इन दोनों सैटेलाइट के साथ पीएसएलवी ऑरबिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल (POEM) ने उड़ान भरी। दोनों सैटेलाइट धरती की निचली कक्षा में स्थापित किए जाएंगे। जानकारी के मुताबिक POEM अंतरिक्ष के वैक्यूम (निर्वात) में कुछ टेस्टिंग करेगा। यह PSLV की 57वीं उड़ान है।
#WATCH | Andhra Pradesh: Indian Space Research Organisation (ISRO) launches its PSLV-C55 with two Singaporean satellites for Earth observation, from Sriharikota.
(Source: ISRO) pic.twitter.com/oKByHiqXjD
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) April 22, 2023
टीएलईओएस-2 दिया गया मिशन को नाम
इस मिशन को टीएलईओएस-2 मिशन नाम दिया गया है। इस लॉन्चिंग के साथ ही अब ऑर्बिट में भेजे गए विदेशी सैटेलाइट की कुल संख्या 424 हो गई है। इसरो के एक अधिकारी ने कहा कि, सिंगापुर के दो उपग्रहों को ले जाने वाले भारत के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) का प्रक्षेपण किए गया है।
1993 में पहली बार लॉन्च
इस बार इसरो लॉन्चिंग में PSLV-C55 रॉकेट का इस्तेमाल कर रहा है। ये इसरो का भरोसेमंद रॉकेट है। सितंबर 1993 में पहली बार इस रॉकेट से लॉन्चिंग गई थी। तब से अब तक 56 बार यह सैटेलाइट लॉन्च किया जा चुका है। सिंगापुर सरकार ने टेलीओएस-2 को वहां के इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स के साथ मिलकर तैयार किया है। इसकी खास बात है कि यह दिन-रात, बारिश, गर्मी सभी मौसमों में कवरेज देने में सक्षम है।
ग्लोबल शिपिंग कम्यूनिटी को फायदा
इसके अलावा ल्यूमलाइट-4 को सिंगापुर के इंफोकॉम रिसर्च इंस्टीट्यट (I2R) और नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के सैटेलाइट टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर (STAR) की साझेदारी में बनाया गया है। इसका उद्देश्य सिंगापुर की ई-नेविगेशन समुद्री सुरक्षा को बढ़ाना और ग्लोबल शिपिंग कम्यूनिटी को फायदा पहुंचाना है।