PM Modi Podcast With Lex Fridman : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लेटेस्ट पॉडकास्ट रिलीज हो चुका है। यह पॉडकास्ट पीएम मोदी ने मशहूर अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ किया है। इस दौरान पीएम मोदी ने कई विषयों पर खुलकर बात की। उन्होंने राजनीतिक, आध्यात्मिक और अपने बचपन से जुड़ी बातों पर विस्तार से चर्चा की। पीएम मोदी ने अमेरिकी पॉडकास्टर को मंत्रों और उनके अर्थ समझाते हुए उनकी महत्ता पर अपनी राय रखी।
पॉडकास्ट में हुई मंत्रों की चर्चा
पॉडकास्ट के दौरान लेक्स फ्रिडमैन ने कहा, “मैं अभी सोच रहा था कि क्या आप मुझे कोई हिंदू प्रार्थना या ध्यान लगाने की विधि सिखा सकते हैं? क्या आप मुझे इस मंत्र और अन्य मंत्रों के महत्व के बारे में बता सकते हैं और यह आपके जीवन और आध्यात्मिकता को कैसे प्रभावित करता है?” इसके बाद लेक्स फ्रिडमैन ने गायत्री मंत्र पढ़ा। इस पर पीएम मोदी ने कहा कि यह मंत्र वास्तव में सूर्य की उपासना से जुड़ा हुआ है। यह मंत्र सूर्य की तेजस्वी शक्ति के गहरे महत्व को प्रकट करता है। हिंदू दर्शन में हर मंत्र किसी न किसी रूप से विज्ञान और प्रकृति से जुड़ा हुआ है। यह जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रभाव डालता है। प्रतिदिन मंत्रों का जाप करने से गहरे और स्थायी लाभ मिलते हैं।
पीएम मोदी ने किया हिमालय में मिले साधु की चर्चा
इसके बाद पीएम मोदी ने कहा कि हिमालय में रहने के दौरान उन्हें एक रोचक अनुभव हुआ। वहां उनकी मुलाकात एक संत से हुई, जिन्होंने उन्हें ध्यान लगाने की एक सरल, व्यावहारिक तकनीक सिखाई। यह पूरी तरह आध्यात्मिक नहीं थी, बल्कि प्राकृतिक ध्वनियों पर केंद्रित थी। हिमालय में झरने बहते हैं। संत ने सावधानीपूर्वक एक पत्ते की प्लेट का टुकड़ा, मुंह ऊपर करके पानी की धाराओं में रख दिया और एक बर्तन को उल्टा करके उसके नीचे रख दिया। उस बर्तन में पानी टपकता था। संत ने कहा, “तुम कुछ मत करो, बस इस पानी की बूंदों की आवाज को सुनो। कोई और आवाज नहीं, न पक्षियों की चहचहाहट, न हवा की सरसराहट—बस इस ध्वनि पर ध्यान केंद्रित करो।”
पीएम मोदी ने कैसे सीखा ध्यान लगाना?
पीएम मोदी ने कहा कि वह वहां घंटों तक ध्यान करते थे। धीरे-धीरे उनका मन पानी की बूंदों की टप-टप आवाज में लयबद्ध हो गया, जैसे कोई धुन ध्यान में मार्गदर्शन कर रही हो। उन्होंने कहा, “ऐसा नहीं था कि मैं मंत्रों का जाप कर रहा था या भगवान का नाम ले रहा था, बल्कि मैं उस ध्वनि को अनुभव कर रहा था। इसे मैं ‘नाद-ब्रह्म’ कह सकता हूं। नाद-ब्रह्म से जुड़ने का अनुभव मुझे ध्यान लगाना सिखा गया।”
पीएम मोदी ने बताए मंत्रों के हिंदी मतलब
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि हमारे शास्त्रों में जीवन और मृत्यु से जुड़ी एक बहुत ही गहरी अवधारणा दी गई है। उन्होंने एक प्रसिद्ध मंत्र उद्धृत किया: “ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात्पूर्णमुदच्यते।” इसका अर्थ है कि संपूर्ण जीवन एक पूर्ण चक्र का हिस्सा है। हिंदू दर्शन में कभी भी केवल व्यक्तिगत कल्याण पर जोर नहीं दिया जाता। उन्होंने कहा, “हम सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः की भावना में विश्वास रखते हैं, जिसका अर्थ है कि सभी सुखी रहें, सभी निरोगी रहें। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःख भाग्भवेत्।” पीएम मोदी ने बताया कि हर हिंदू मंत्र का अंत एक ही तरह होता है: “ॐ शांतिः, शांतिः, शांतिः।” इसका अर्थ है शांति, शांति, शांति। उन्होंने कहा, “भारत की परंपराएँ हजारों वर्षों की ऋषि-साधना से विकसित हुई हैं, लेकिन वे आज भी जीवन के मूल तत्वों से जुड़ी हुई हैं।”