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गरीबी और उपवास पर पॉडकास्ट में क्या बोले पीएम मोदी? जूते चमकाने के लिए अपनाते थे ये तरीका

अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि बचपन में वह अक्सर गांव की लाइब्रेरी जाया करते थे, जहां उन्होंने स्वामी विवेकानंद के बारे में पढ़ा। उनके विचारों ने मेरे जीवन पर गहरा प्रभाव डाला।

Author Reported By : Kumar Gaurav Edited By : Satyadev Kumar Updated: Mar 16, 2025 20:00
podcast conversation between Lex Fridman and PM Modi
पीएम मोदी का पॉडकास्ट इंटरव्यू।

अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि उन्होंने स्वामी विवेकानंद से यह सीखा कि सच्ची संतुष्टि व्यक्तिगत उपलब्धियों से नहीं, बल्कि निःस्वार्थ सेवा से मिलती है। पीएम मोदी ने स्वामी विवेकानंद के जीवन से जुड़ी एक प्रेरणादायक घटना का भी इंटरव्यू के दौरान जिक्र किया।

‘मानव सेवा ही ईश्वर की सच्ची भक्ति है’

उन्होंने बताया कि एक बार स्वामी विवेकानंद रामकृष्ण परमहंस जी के पास गए और कहा कि उनकी मां बीमार हैं और उन्हें मदद की जरूरत है। इस पर परमहंसजी ने उन्हें देवी काली के पास जाकर सहायता मांगने की सलाह दी। जब विवेकानंद जी देवी काली के समक्ष गए, तो उन्हें यह एहसास हुआ कि वह उस ईश्वर से कुछ मांग ही कैसे सकते हैं, जिसने पहले से ही दुनिया को सबकुछ दिया हुआ है। इसी क्षण उन्हें यह बोध हुआ कि मानव सेवा ही ईश्वर की सच्ची भक्ति है।

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‘गरीबी को बोझ महसूस नहीं किया’

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने साधारण बचपन को याद करते हुए बताया कि भले ही वे गरीबी में पले-बढ़े, लेकिन उन्होंने कभी इसका बोझ महसूस नहीं किया। उन्होंने कहा कि कठिनाइयों के बावजूद, उन्हें कभी अभाव का एहसास नहीं हुआ। अपने बचपन की एक घटना को याद करते हुए उन्होंने बताया कि एक बार उनके मामा ने उन्हें सफेद कैनवास के जूते गिफ्ट किए थे, जिन्हें वे स्कूल में मिली बेकार पड़ी चॉक से चमकाते थे। पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि उन्होंने जीवन के हर चरण को कृतज्ञता के साथ अपनाया और कभी गरीबी को संघर्ष के रूप में नहीं देखा।

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‘स्कूल में बेकार पड़ी चॉक से चमकाते थे जूते’

पीएम मोदी ने कहा, मुझे याद है गरीबी के कारण कभी स्कूल में जूते पहनने का सवाल ही नहीं था। एक दिन मैं स्कूल जा रहा था। मेरे मामा मुझे रास्ते में मिल गए। उन्होंने कहा, ‘अरे! तू ऐसे स्कूल जाता है, जूते नहीं हैं।’ तो उस समय उन्होंने कैनवास के जूते खरीदकर मुझे पहना दिए। अब उस समय तो शायद वे जूते 10-12 रुपये में आते होंगे। कैनवास के सफेद जूते थे और उस पर दाग लग जाते थे तो मैं क्या करता था, जब शाम को स्कूल की छुट्टी हो जाती थी तो मैं थोड़ी देर स्कूल में रुकता था और जो शिक्षक ने चॉक का उपयोग किया होता था और उसके टुकड़े जो फेंके होते थे, वह तीन-चार कमरों में जाकर इकट्ठा करता था। फिर वह चॉकस्टिक के टुकड़े घर ले आता था और उसको मैं भिगोकर, पॉलिश बनाकर, मेरे कैनवास के जूते पर लगाकर, चमकदार सफेद बना देता था। मेरे लिए बेकार चॉक भी संपत्ति थी, बहुत महान वैभव अनुभव करता था।

क्यो खास है पीएम का इंटरव्यू?

लेक्स फ्रिडमैन ने पीएम मोदी के इंटरव्यू के लिए 45 घंटे का उपवास रखा, ये जानने के बाद पीएम मोदी ने भी उपवास को लेकर अपना अनुभव साझा किया। लेक्स फ्रिडमैन ने खुद खुलासा किया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने इंटरव्यू के सम्मान में 45 घंटे तक उपवास रखा, जिसमें उन्होंने केवल पानी का सेवन किया। इसके बाद पीएम मोदी ने भी उपवास पर अपनी राय साझा की और बताया कि यह इंद्रियों को तेज करने, मानसिक स्पष्टता बढ़ाने और अनुशासन विकसित करने में सहायक होता है। उन्होंने समझाया कि उपवास सिर्फ भोजन न करना नहीं, बल्कि एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जो पारंपरिक और आयुर्वेदिक पद्धतियों से गहराई से जुड़ी हुई है। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी बताया कि उपवास से पहले वह शरीर को अच्छी तरह हाइड्रेट करते हैं ताकि यह शरीर को डिटॉक्स करने में मदद कर सके। उन्होंने यह भी कहा कि उपवास से सुस्ती महसूस करने के बजाय वह अधिक ऊर्जावान महसूस करते हैं और पहले से भी अधिक मेहनत कर पाते हैं।

 

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Edited By

Satyadev Kumar

Reported By

Kumar Gaurav

First published on: Mar 16, 2025 06:07 PM

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