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क्या आपको मौत से डर लगता है? Podcast में इस सवाल पर पीएम मोदी का दिलचस्प जवाब

अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन ने अपनी बातचीत के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी से पूछा कि क्या उन्हें मौत से डर लगता है? पढ़ें इस पर प्रधानमंत्री ने क्या जवाब दिया है?

Author Edited By : Avinash Tiwari Updated: Mar 16, 2025 18:44

PM Modi Podcast With Lex Fridman : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मशहूर अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के बीच हुआ पॉडकास्ट अब रिलीज हो चुका है। यह पॉडकास्ट करीब सवा तीन घंटे का है। इसमें प्रधानमंत्री मोदी ने जिंदगी से जुड़े कई मुद्दों पर विस्तार से बात की है। पीएम मोदी ने अपने बचपन के अनुभव साझा किए, साथ ही संगठन, विरोधी और देश की स्थिति पर खुलकर चर्चा की। इसी पॉडकास्ट में पीएम मोदी से जब पूछा गया कि “क्या आपको मौत से डर लगता है?” तो उन्होंने इसका बेहद दिलचस्प जवाब दिया।

मौत से डर के सवाल पर क्या बोले पीएम मोदी?

अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन ने पीएम मोदी से पूछा, “क्या आप अपनी मृत्यु पर विचार करते हैं? क्या आपको मौत से डर लगता है?” इस पर प्रधानमंत्री ने जोर से हंसते हुए कहा, “क्या मैं बदले में आपसे एक सवाल पूछ सकता हूं? जन्म के बाद जीवन और मृत्यु एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, लेकिन दोनों में से कौन ज्यादा निश्चित है?” फिर खुद ही जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “मृत्यु! हम निश्चित रूप से जानते हैं कि जो जन्म लेता है, उसकी मृत्यु तय है। जीवन तो पनपता है।”

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पीएम मोदी ने आगे कहा, “जो चीज निश्चित है, उसका डर क्यों? सारा समय जीवन पर लगाओ, दिमाग सारा मृत्यु पर मत लगाओ। इसी तरह जीवन विकसित और समृद्ध होगा, क्योंकि यह अनिश्चित है। फिर उसमें मेहनत करनी चाहिए, चीजों में सुधार करना चाहिए, ताकि आप मृत्यु से पहले पूरी तरह और उद्देश्य के साथ जी सकें। इसलिए आपको मृत्यु के डर को छोड़ देना चाहिए। आखिरकार, मृत्यु तो आनी ही है और यह कब आएगी, इसकी चिंता करने से कोई फायदा नहीं है। यह तभी आएगी जब इसे आना होगा। जब उसे फुर्सत होगी, तब वह आएगी।”

भविष्य की उम्मीद पर पीएम मोदी से सवाल

इसके बाद पीएम मोदी से एक और सवाल पूछा गया कि “भविष्य को लेकर आपको क्या उम्मीद है? सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी मानव सभ्यता का पृथ्वी पर क्या भविष्य है?” इस पर प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं स्वभाव से ही आशावादी हूं। निराशावाद और नकारात्मकता मेरे पास है ही नहीं, इसलिए ये सब दिमाग में आता ही नहीं है। मैं मानता हूं कि अगर हम मानव जाति के इतिहास को देखें तो यह ना जाने कितने संकटों को पार कर आगे निकली है। समय के साथ बड़े बदलाव स्वीकार किए हैं। हर युग में मानव ने नई चीजों को स्वीकारने का स्वभाव दिखाया है।”

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Edited By

Avinash Tiwari

First published on: Mar 16, 2025 06:19 PM

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