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Mann Ki Baat: PM मोदी बोले- 2022 कई मायने में प्रेरक और अद्भुत रहा, देशवासियों ने एक से बढ़कर एक काम किए

Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को अपने रेडिया कार्यक्रम ‘मन की बात’ में खेल से लेकर विज्ञान तक की सफलताओं और 2022 में भारत की उपलब्धियों पर चर्चा की। ये पीएम मोदी का इस साल का आखिरी ‘मन की बात’ कार्यक्रम है। इस दौरान पीएम मोदी ने देशवासियों को क्रिसमस की बधाई दी। […]

Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को अपने रेडिया कार्यक्रम 'मन की बात' में खेल से लेकर विज्ञान तक की सफलताओं और 2022 में भारत की उपलब्धियों पर चर्चा की। ये पीएम मोदी का इस साल का आखिरी 'मन की बात' कार्यक्रम है। इस दौरान पीएम मोदी ने देशवासियों को क्रिसमस की बधाई दी। साथ ही अटलजी की जयंती पर उन्हें याद भी किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2022, कई मायने में बहुत ही प्रेरक और अद्भुत रहा। इस वर्ष भारत ने अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे किए और अमृतकाल का प्रारंभ हुआ। इस साल देश ने नई रफ्तर पकड़ी और सभी देशवासियों ने एक से बढ़कर एक काम किए।

पीएम मोदी ने कहा- 2022 यानि...

पीएम मोदी ने कहा कि 2022 यानि भारत द्वारा दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का मुकाम हासिल करना। 2022 यानि भारत द्वारा 220 करोड़ वैक्सीन का अविश्वसनीय आंकड़ा पार करने का रिकार्ड। 2022 यानि भारत द्वारा निर्यात का 400 बिलियन डॉलर का जादुई आंकड़ा पार कर जाना। 2022 यानि देश के जन-जन द्वारा आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को अपनाना। 2022 यानि भारत के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत का स्वागत। 2022 यानि स्पेस, ड्रोन और डिफेंस सेक्टर में भारत का परचम। 2022 यानि हर क्षेत्र में भारत का दमखम।

'एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना के विस्तार'

पीएम मोदी ने कहा कि साल 2022 एक और कारण से हमेशा याद किया जाएगा। ये है, 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की भावना का विस्तार। देश के लोगों ने एकता और एकजुटता को celebrate करने के लिए भी कई अद्भुत आयोजन किए। गुजरात के माधवपुर मेला हो, जहां रुक्मिणी विवाह और भगवान कृष्ण के पूर्वोत्तर से संबंधों को सेलिब्रेट किया जाता है या फिर काशी तमिल संगमम् हो, इन पर्वों में भी एकता के कई रंग दिखे। और पढ़िए – राहुल गांधी के सेना और मेक इन इंडिया के बयान पर रविशंकर प्रसाद का पलटवार, बोले-‘सेना पर कब तक उठाते रहेंगे सवाल’ 

पीएम मोदी बोले- हर घर तिरंगा अभियान कौन भूल सकता है

पीएम मोदी ने कहा कि 2022 में देशवासियों ने एक और अमर इतिहास लिखा है। अगस्त के महीने में चला 'हर घर तिरंगा' अभियान भला कौन भूल सकता है। वो पल थे हर देशवासी के रौंगटे खड़े हो जाते थे। आजादी के 75 वर्ष के इस अभियान में पूरा देश तिरंगामय हो गया। उन्होंने कहा कि 6 करोड़ से ज्यादा लोगों ने तिरंगे के साथ सेल्फी भेजी। आजादी का ये अमृत महोत्सव अभी अगले साल भी ऐसे ही चलेगा। अमृतकाल की नींव को और मजबूत करेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज, हम सभी के श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्मदिन है। वे एक महान राजनेता थे, जिन्होनें देश को असाधारण नेतृत्व दिया। हर भारतवासी के ह्रदय में उनके लिए एक खास स्थान है। उन्होंने कहा कि आज दुनियाभर में धूमधाम से Christmas का त्योहार भी मनाया जा रहा है। ये Jesus Christ के जीवन, उनकी शिक्षाओं को याद करने का दिन है। मैं आप सभी को Christmas की ढेर सारी शुभकामनाएं देता हूं।

टाटा मेमोरियल सेंटर के रिसर्च पर भी पीएम मोदी ने की बात

पीएम मोदी ने कहा कि आप सभी ने मुंबई के Tata Memorial centre के बारे में जरूर सुना होगा। इस संस्थान ने Research, Innovation और Cancer care में बहुत नाम कमाया है। इस Centre द्वारा की गई एक Intensive Research में सामने आया है कि Breast Cancer के मरीजों के लिए योग बहुत ज्यादा असरकारी है। उन्होंने कहा कि इस सेंटर की रिसर्च के मुताबिक, योग के नियमित अभ्यास से ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों की बीमारी के फिर से उभरने और मृत्यु के खतरे में 15 प्रतिशत की कमी आई है। भारतीय पारंपरिक चिकित्सा में यह पहला उदाहरण है, जिसे पश्चिमी तौर-तरीकों वाले कड़े मानकों पर परखा गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह पहले स्टडी है, जिसमें ब्रेस्ट कैंसर से प्रभावित महिलाओं में योग से क्वालिटी ऑफ लाइफ के बेहतर होने का पता चला है। इसके लॉन्ग टर्म बेनिफिट्स भी सामने आए हैं। टाटा मेमोरियल सेंटर ने अपनी स्टडी के नतीजों को पेरिस में हुए यूरोपियन सोसाइटी ऑफ मेडिकल ऑनकॉलोजी में प्रस्तुत किया है। पीएम मोदी ने कहा कि दिल्ली के AIIMS में भी एक प्रयास किया जा रहा है। यहां हमारी पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को validate करने लिए छह साल पहले Centre for Integrative Medicine and Research की स्थापना की गई। इसमें Latest Modern Techniques और Research Methods का उपयोग किया जाता है। और पढ़िए –  राष्ट्रपति मुर्मू, PM मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी 98वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी

कालाजार की चुनौतियां समाप्त होने की कगार पर है: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज 'मन की बात' के श्रोताओं को मैं एक और चुनौती के बारे में बताना चाहता हूं, जो अब समाप्त होने की कगार पर है। ये चुनौती, ये बीमारी है -'कालाजार'। इस बीमारी की परजीवी सैंड फ्लाई यानी बालू मक्खी के काटने से फैलता है। अगर किसी को कालाजार होता है तो उसे महीनों तक बुखार रहता है, खून की कमी हो जाती है, शरीर कमजोर पड़ जाता है और वजन भी घट जाता है। पीएम मोदी ने कहा कि सबके प्रयास से कालाजार नाम की ये बीमारी अब तेजी से समाप्त होती जा रही है। कुछ समय पहले तक कालाजार का प्रकोप चार राज्यों के 50 से अधिक जिलों में फैला हुआ था, लेकिन अब ये बीमारी बिहार और झारखंड के चार जिलों तक ही सिमटकर रह गई है। मुझे विश्वास है कि बिहार झारखंड के लोगों का सामर्थ्य, उनकी जागरूकता इन चार जिलों से भी कालाजार को समाप्त करने में सरकार के प्रयासों को मदद करेगी। पीएम मोदी ने कहा कि कालाजार से प्रभावित क्षेत्रों के लोगों से भी मेरा आग्रह है कि वो दो बातों का जरूर ध्यान रखें। एक है सेंड फ्लाई या बालु मक्खी पर नियंत्रण और दूसरा जल्द से जल्द इस रोग की पहचान और पूरा इलाज। कालाजार का इलाज आसान है, इसके लिए काम आने वाली दवाएं भी बहुत कारगर होती है, बस आपको सतर्क रहना है।

पीएम बोले- आठ साल पहले नमामि गंगे अभियान की शुरुआत की थी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सदियों से कल-कल बहती मां गंगा को स्वच्छ रखना हम सबकी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। इसी उद्देश्य के साथ, 8 साल पहले हमने 'नमामि गंगे अभियान' की शुरुआत की थी। हम सभी के लिए यह गौरव की बात है कि भारत की इस पहल को आज दुनियाभर की सराहना मिल रही है। यूनाइटेड नेशन ने नमामि गंगे मिशन को इकोसिस्टम को रिस्टोर करने वाले दुनिया के टॉप टेन इनिशिएटिव्स में शामिल किया है। ये और भी खुशी की बात है कि पूरे विश्व के 160 ऐसे इनिशिएटिव्स में नमामि गंगे को ये सम्मान मिला है। और पढ़िए – राहुल गांधी के सेना और मेक इन इंडिया के बयान पर रविशंकर प्रसाद का पलटवार, बोले-‘सेना पर कब तक उठाते रहेंगे सवाल’  पीएम मोदी ने कहा कि नमामि गंगे अभियान की सबसे बड़ी उर्जा लोगों की निरंतर सहभागिता है। नमामि गंगे अभियान में गंगा प्रहरियों और गंगा दूतों की भी बड़ी भूमिका है। वे पेड़ लगाने, घाटों की सफाई, गंगा आरती, नुक्कड़ नाटक, पेंटिंग और कविताओं के जरिए जागरूकता फैलाने में जुटे हैं। उन्होंने कहा कि गंगा का इकोसिस्टम क्लिन होने से आजीविका के अन्य अवसर भी बढ़ रहे हैं। यहां मैं जलज आजीविका मॉडल की चर्चा करना चाहूंगा, जो कि बायोडायर्सिटी को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इस टूरिज्म बेस्ड बोट सफारी को 26 लोकेशन पर लॉन्च किया गया है। और पढ़िए –  देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें


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