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31000 फीट ऊंचाई पर प्लेन में बम ब्लास्ट, जिंदा जले थे Air India के 329 पैसेंजर्स, पढ़ें आतंकी हमले की खौफनाक कहानी

Today History in Hindi: खालिस्तानी आतंकियों ने एयर इंडिया की फ्लाइट पर हमला किया और प्लेन में बम ब्लास्ट कराया। हादसे में 329 पैसेंजर मारे गए। 39 साल बाद भी उस विमान हादसे की यादें लोगों के जेहन में ताजा है। आइए जानते हैं क्या हुआ था उस दिन...

Air India Flight Bomb Threat
Air India Flight 182 Kanishka Bomb Blast Memoire: आज की तारीख का इतिहास उस भीषण विमान हादसे से जुड़ा है, जिसने भारत को कभी न भूलने वाला जख्म दिया। 39 साल पहले 23 जून 1985 को 31000 फीट की ऊंचाई पर प्लेन में बम ब्लास्ट हुआ था और उसमें सवार सभी 329 लोगों के चिथड़े उड़ गए थे। बब्बर खालसा आतंकी संगठन से जुड़े खालिस्तानी आतंकियों ने प्लेन पर आतंकी हमला किया था, जिस आतंकवाद की दुनिया का सबसे खतरनाक हमला माना गया। बम ब्लास्ट कराने का मास्टरमाइंड इंद्रजीत सिंह रेयात को माना गया। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई, लेकिन उसे दोषी करार देकर 15 साल की जेल की सजा सुनाई गई। क्योंकि मारे गए 329 लोगों में 268 कनाडा के लोग थे, 27 ब्रिटेन के और 24 भारतीय थे तो ब्रिटेन ने रेयात को 10 साल और कनाडा ने 5 साल की सजा सुनाई, लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस आतंकी हमले की जांच आज भी जारी है। 3 संदिग्ध आरोपी पकड़े गए थे, लेकिन मुख्य आरोपी आज तक भी पकड़ा ही नहीं गया है। यह भी पढ़ें:OMG! दुनिया का सबसे अमीर आदमी 12 बच्चों का बाप; Elon Musk के परिवार को लेकर चौंकाने वाला खुलासा

क्या हुआ था 23 जून 1985 को?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एयर इंडिया का बोइंग 747-237B प्लेन, जिसे कनिष्क सम्राट कहा जाता था, उसने 307 पैसेंजर्स और 22 क्रू मेंबर्स के साथ कनाडा के टोरेंटो शहर में बने मॉन्ट्रियल एयरपोर्ट से टेकऑफ किया था। लंदन और दिल्ली में स्टॉपेज के बाद प्लेन को बॉम्बे में लैंड होना था, लेकिन मॉन्ट्रियल से लंदन के रास्ते में 31,000 फीट (9,400 मीटर) की ऊंचाई पर जहाज में बम ब्लास्ट हुआ और जहाज टुकड़े-टुकड़े होकर अटलांटिक महासागर में गिर गया। जहाज का मलबा और सवारियों की लाशें आयरलैंड के तट से लगभग 190 किलोमीटर (120 मील) दूर समुद्र में मिलीं। हादसे में मरने वाले लोगों में ज्यादातर भारत के मूल निवासी थे और कनाडा की नागरिकता लेकर वहां बसे हुए थे। जिस समय ब्लास्ट हुआ, प्लेन लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे पर पहुंचने वाला था, लेकिन जब प्लेन राडार से गायब हो गया तो हादसा होने का पता चला। शवों के मेडिकल टेस्ट किए गए तो खुलासा हुआ कि उनकी मौत धमाका के कारण नहीं, बल्कि समुद्र में डूबने से हुई थी।   यह भी पढ़ें:9000 फीट ऊंचाई पर जहाज में विस्फोट, भीषण आग लगने के बाद जंगल में गिरा, 113 पैसेंजर जिंदा जलकर मरे

पूर्व जानकारी मिलने के बाद भी नहीं लिया गया एक्शन

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत की खुफिया एजेंसी को आतंकी हमला होने की जानकारी पहले ही मिल गई थी। पता चला था कि ऑपरेशन ब्लू स्टार का बदला लेने की साजिश खालिस्तानी रच रहे हैं। इसके लिए वे एयर इंडिया की फ्लाइट को निशाना बना सकते हैं। भारत सरकार ने इसकी जानकारी कनाडा सरकार को दे दी थी, बावजूद इसके कनाडा सरकार अलर्ट नहीं हुई। एयरपोर्ट पर सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए और नतीजा यह हुआ कि आतंकी प्लेन में बम इंप्लांट करने में कामयाब हो गए। हादसे की जांच कनाडा की सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस जॉन मेजर ने की थी। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि आतंकी हमले की जिम्मेदारी कनाडा सरकार को लेनी चाहिए, क्योंकि अलर्ट मिलने के बावजूद एक्शन नहीं लिया गया, इसलिए आतंकी हमले के लिए कनाडा सरकार, रॉयल कनाडियन माउंटेड पुलिस, कनाडियन सिक्योरिटी इंटेलिजेंस सर्विस जिम्मेदार है। यह भी पढ़ें:मंगल ग्रह पर अजीबोगरीब चीज मिली! देखकर वैज्ञानिक भी हैरान, सफेद रंग और धब्बे ही धब्बे


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