जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं। हमले के बाद पाकिस्तान ने भारतीय उड़ानों के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है। यानी अब भारत की कोई भी फ्लाइट पाकिस्तान के ऊपर से होकर नहीं उड़ सकेगी। पाकिस्तान ने यह फैसला राजनीतिक या कूटनीतिक वजह से लिया है, लेकिन अब उसे खुद ही नुकसान हो रहा है।
क्या होता है एयरस्पेस और क्यों जरूरी?
दरअसल, हर देश के पास एक हवाई इलाका होता है जिसे एयरस्पेस कहा जाता है। जब कोई भी अंतरराष्ट्रीय विमान किसी देश के हवाई क्षेत्र यानी एयरस्पेस से गुजरता है तो उस देश को कुछ शुल्क देता है, जिसे ‘ओवरफ्लाइट फीस’ कहा जाता है। पाकिस्तान को भारत की ओर से अब यह फीस नहीं मिलेगी। कारण है कि भारतीय विमान अब पाकिस्तान के ऊपर से नहीं जा रहे हैं। उदाहरण के दौर पर अगर कोई फ्लाइट दिल्ली से यूरोप जा रही है तो वो अक्सर पाकिस्तान के ऊपर से होकर जाती है क्योंकि ये सबसे छोटा और सस्ता रास्ता होता है। लेकिन अब पाकिस्तान ने अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है तो भारत की फ्लाइट्स को लंबा रास्ता लेना पड़ेगा, जिससे उसे ज्यादा समय, ज्यादा ईंधन और ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे। इससे भारतीय एयरलाइंस को कुछ नुकसान होगा, लेकिन ‘ओवरफ्लाइट फीस’ नहीं मिलने से पाकिस्तान को भी बड़ा नुकसान हो रहा है।
पाकिस्तान को करोड़ों का नुकसान
बता दें कि भारतीय एयरलाइंस से पाकिस्तान को हर महीने 30 से 40 करोड़ रुपये की कमाई होती थी। ये कमाई केवल इसलिए होती थी, क्योंकि फ्लाइट्स उसके एयरस्पेस से उड़ती थीं। उन्हें न पाकिस्तान में उतरना पड़ता था, न वहां कुछ खरीदना पड़ता था। सिर्फ ऊपर से गुजरने पर पाकिस्तान को ‘ओवरफ्लाइट फीस’ के रूप में ये पैसा मिलता था।
पहले भी गलती कर चुका है पाकिस्तान
पाकिस्तान के इस कदम से अमेरिका और यूरोप जाने वाली उड़ानों में दो से ढाई घंटे की देरी हो सकती है। इससे ईंधन की खपत बढ़ेगी, क्रू मेंबर्स के काम के घंटे बढ़ेंगे और उड़ानें लेट होंगी। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद भी पाकिस्तान ने अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया था। इससे उसे लगभग 10 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ था। अब दोबारा ऐसा करने से फिर से उसे करोड़ों की आमदनी का नुकसान झेलना पड़ रहा है।
भारतीय एयरलाइंस को भी नुकसान
पाकिस्तान द्वारा हवाई क्षेत्र बंद कर दिए जाने के कारण भारतीय एयरलाइंस को उत्तर भारतीय शहरों से संचालित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए 77 करोड़ रुपये का अतिरिक्त साप्ताहिक खर्च उठाना पड़ सकता है। भारतीय एयरलाइंस के लिए वैकल्पिक उड़ान मार्ग के कारण दिल्ली और उत्तरी भारतीय शहरों से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए उड़ान का समय 1.5 घंटे तक बढ़ गया है। पीटीआई ने एक अधिकारी के हवाले से बताया कि उत्तरी अमेरिका के लिए 16 घंटे की उड़ान का अतिरिक्त समय लगभग 1.5 घंटे होगा। अधिकारी के अनुसार, इन 1.5 अतिरिक्त घंटों की लागत लगभग ₹ 29 लाख होगी। इस राशि में रास्ते में हवाई अड्डे पर तकनीकी ठहराव के कारण लैंडिंग और पार्किंग शुल्क शामिल है। पाकिस्तान के इस कदम ने यूरोप, उत्तरी अमेरिका, मध्य पूर्व और मध्य एशिया जाने वाली उड़ानों को प्रभावित किया है। इसमें दिल्ली, अमृतसर, जयपुर, लखनऊ और श्रीनगर जैसे उत्तरी शहरों से उड़ान भरने वाली फ्लाइट्स शामिल हैं।