सिंधु नदी जल समझौता रद्द और अटारी बॉर्डर को बंद किए जाने के बाद पाकिस्तान में हाहाकार मचा हुआ है। अब पाकिस्तान किसी और पैंतरे की तलाश में जुट गया है। इसी बीच आर्मी सूत्रों से नौसेना को खबर मिली कि पाकिस्तान की तरफ से मिसाइल टेस्ट किया गया है। इस खबर को मिलते ही भारतीय नौसेना ने भी दुश्मन देश को अपनी ताकत दिखाई है। यानी पहलगाम में अभी आतंकियों को पकड़ने के लिए सेना कई रोडमैप पर तो काम कर ही रही है। जिसके बाद भारतीय नौसेना ने भी एक जोरदार मिसाइल परीक्षण किया है। भारतीय नौसेना के रीढ़ में शामिल आईएनएस सूरत ने अरब सागर में पिद्दी पाकिस्तानी सैनिकों को अपनी ताकत का मुजाहिरा दिखाया है। आईएनएस सूरत ने सतह के पास टारगेट को निशाना बनाया।
मिसाइलों का टेस्ट
भारतीय नौसेना ने मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल दागी। भारतीय नौसेना के नवीनतम स्वदेशी मिसाइल विध्वंसक INS सूरत ने समुद्र में लक्ष्य को सफलतापूर्वक टारगेट किया। भारतीय नौसेना ने एक्स पोस्ट में इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि ‘ये हमारी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने में एक और मील का पत्थर साबित हुआ। आत्मनिर्भर भारत के लिए गर्व का क्षण है। पाकिस्तान की ओर से मिसाइल टेस्ट की जल्दबाजी के बीच भारतीय ने ये कार्रवाई की है। इस परीक्षण के बाद भारत ने सख्त मैसेज देने की कोशिश की है।
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दुश्मन की मिसाइलों की करेगा पहचान
आईएनएस सूरत मिसाइल भारत की समुद्री सीमा की रक्षा करने में अपने आप में ही सक्षम है। कमांडर विवेक मडवाल के मुताबिक, अगर दुश्मन हमला करने की फिराक में है, तो हमला होने की स्थिति में आईएनएस सूरत खुद ही दुश्मन की मिसाइलों की पहचान करने और उन्हें हवा या पानी में ही मार गिराने में सक्षम है। भारतीय नौसेना की इस टेस्टिंग के बाद भारत की समुद्री सीमा और मजबूत दिखाई दी है। आपको बता दें कि भारत की सीमा का अधिकतर हिस्सा समुद्र से ही लगता है। ऐसे में इस उपलब्धि को बेहद महत्वपूर्ण महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
भारत ने किए बड़े फैसले
आपको बता दें कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के शामिल होने के कारण भारत ने पाकिस्तान को लेकर पांच बड़े फैसले किए हैं। भारत ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के लिए कहा है। इसके साथ ही अटारी बॉर्डर बंद कर दिया गया है और सिंधु जल समझौता रद्द कर दिया गया है। पाकिस्तान नागरिकों का वीजा बंद कर दिया गया है और उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 कर दी गई है। सात दिन के अंदर अतिरिक्त अधिकारियों को भारत छोड़ना होगा।
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