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ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान पर डिप्लोमेसी स्ट्राइक, भारतीय सांसद दुनिया को बताएंगे हकीकत, 20 MP के नाम आए सामने

ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का पक्ष रखने के लिए सांसदों के दल को विदेश भेजने के फैसले के बाद अब संसदीय कार्य मंत्रालय ने सभी राजनीतिक दलों से बातचीत शुरू कर दी है। आज से संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजिजू सभी पार्टियों के संसदीय दल के नेताओं से संपर्क कर रहे हैं। संसदीय कार्य मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर सांसदों के दल का समूह बनाने की कवायद शुरू कर दी है।

Author Written By: Kumar Gaurav Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: May 16, 2025 23:11
Kiren Rijiju, Operation Sindoor।
सरकार संसद में नियमों के तहत ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए तैयार

पहलगाम आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब देते हुए भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर कड़ा संदेश दिया। इस निर्णायक कार्रवाई को न सिर्फ जनता का बल्कि विपक्षी दलों का भी पूरा समर्थन मिला। विचारधाराएं भले अलग हों, लेकिन जब बात देश की सुरक्षा और आतंक के खिलाफ एकजुटता की आई, तो पूरा राजनीतिक नेतृत्व एक सुर में खड़ा नजर आया। अब भारत की यही राजनीतिक एकता दुनियाभर में दिखाई देने वाली है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने फैसला किया है कि ऑपरेशन सिंदूर पर भारत का पक्ष रखने के लिए सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को 8 अलग-अलग देशों में भेजा जाएगा। इस प्रयास की अगुवाई संसदीय कार्य मंत्रालय कर रहा है, जो विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर इस योजना को अंतिम रूप दे रहा है।

पाकिस्तान के खिलाफ भारत की डिप्लोमेसी स्ट्राइक

पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत अब डिप्लोमेसी स्ट्राइक करने जा रहा है। इसके तहत भारतीय सांसद दुनिया के अलग-अलग देशों में जाकर पाकिस्तान की हकीकत से उन्हें अवगत कराएंगे। साथ ही ऑपरेशन सिंदूर पर वैश्विक स्तर पर भारत का पक्ष रखेंगे। केंद्र सरकार सभी दलों के चुनिंदा सांसदों को 22 या 23 मई से 10 दिनों के लिए विदेश दौरे पर भेज रही है। ये सांसद अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, कतर और UAE जाएंगे और वहां की सरकार को आतंकवाद पर भारत का पक्ष बताएंगे। संसदीय कार्य मंत्रालय ने इस संबंध में सभी दलों से बातचीत शुरू कर दी है। कांग्रेस ने इस पहल में भागीदारी का ऐलान किया है।

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कौन-कौन सांसद होंगे शामिल?

सूत्रों के मुताबिक विदेश जाने वाले प्रतिनिधिमंडल में करीब 43-45 सांसदों का नाम शामिल होगा।अगले हफ्ते ये प्रतिनिधिमंडल विदेश जाएगा। 22 मई के बाद सांसदों का प्रतिनिधिमंडल विदेश दौरे पर जाना शुरू होगा। जानकारी के मुताबिक, इसमें निम्नलिखित सांसदों के नाम शामिल हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पहले चरण में सांसदों का 8 ग्रुप बनाया जाएगा। सांसदों का ये 8 ग्रुप, 8 अलग-अलग देशों का दौरा कर भारत का पक्ष रखेगा। सांसदों के इस 8 ग्रुपों में सभी पार्टी के सांसदों को शामिल किया जाएगा। विदेश भेजे जाने वाले सांसदों के दल में सभी पार्टियों के फ्लोर लीडर्स को रखा जाएगा। सभी 8 ग्रुप का नेतृत्व विभिन्न पार्टियों के फ्लोर लीडर्स करेंगे। पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद जापान जाने वाले सांसदों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे, जबकि शशि थरूर अमेरिका जाने वाले डेलीगेशन का नेतृत्व करेंगे।

1. प्रेमचंद गुप्ता- आरजेडी
2. संजय झा- जेडीयू, जापान जाएंगे
3. रविशंकर प्रसाद- बीजेपी, मिडिलईस्ट जाएंगे
4. विजयंत जय पांडा- बीजेपी
5. अनुराग ठाकुर- बीजेपी
6. बृजलाल- बीजेपी
7. तेजस्वी सूर्या- बीजेपी
8. अपराजिता सारंगी- बीजेपी
9. राजीव प्रताप रूडी- बीजेपी
10. डी पुरंदेश्वरी- बीजेपी
11. श्रीकांत शिंदे- शिवसेना शिंदे
12. सुप्रिया सुले- NCP(SP)
13. सस्मित पात्रा- बीजेडी
14. समिक भट्टाचार्य- बीजेपी
15. मनीष तिवारी- कांग्रेस
16. शशि थरूर- कांग्रेस
17. अमर सिंह- कांग्रेस
18. प्रियंका चतुर्वेदी- शिवसेना उद्धव गुट
19. जॉन बिट्स- सीपीआई एम
20. असदुद्दीन ओवैसी- एआईएमआईएम

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विपक्ष समेत सभी दलों को किया गया आमंत्रित

संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने आज से सभी प्रमुख दलों के संसदीय दल के नेताओं से संपर्क करना शुरू कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, पहले चरण में 8 ग्रुप बनाए जा रहे हैं, जिनमें से हर एक ग्रुप अलग-अलग देश का दौरा करेगा। इन ग्रुपों में सभी पार्टियों के सांसदों को शामिल किया जा रहा है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई केवल सरकार की नहीं बल्कि पूरे देश की है। हर प्रतिनिधिमंडल में 5 से 6 सांसद शामिल होंगे और सभी दलों के फ्लोर लीडर्स इनमें नेतृत्व की भूमिका निभाएंगे। इन सांसदों का मकसद अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह स्पष्ट करना होगा कि कैसे पाकिस्तान में पल रहे आतंकी ढांचों ने भारत की संप्रभुता पर हमला किया, और किस तरह भारत ने संयम और संकल्प के साथ जवाब दिया।

पहले भी दिखी है राजनीतिक एकता

यह कोई पहला मौका नहीं है जब भारत ने आतंकवाद और कश्मीर जैसे संवेदनशील मुद्दों पर राजनीतिक सहमति दिखाई हो। 1994 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव की सरकार ने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में विपक्षी नेताओं का प्रतिनिधिमंडल संयुक्त राष्ट्र भेजा था, ताकि कश्मीर पर भारत का रुख दुनिया के सामने मजबूती से रखा जा सके। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अब ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में भारत फिर से यह संदेश देने जा रहा है कि आतंकवाद पर राजनीति नहीं, राष्ट्रीय एकता ही हमारी प्राथमिकता है।

अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एकजुट भारत

इन 8 प्रतिनिधिमंडलों का लक्ष्य होगा—विदेशी सरकारों, थिंक टैंकों, मीडिया संस्थानों और नीति-निर्माताओं को यह बताना कि भारत क्यों और कैसे इस जवाबी कार्रवाई के लिए विवश हुआ। साथ ही यह भी कि भारत किसी देश की संप्रभुता का उल्लंघन नहीं, बल्कि अपने नागरिकों की रक्षा के लिए खड़ा हुआ।

8 मई को बुलाई गई थी सर्वदलीय बैठक

बता दें कि इससे पहले सरकार ने 8 मई को सभी दलों की बैठक बुलाई थी। केंद्र सरकार ने 6-7 मई की रात ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक की थी। अगले दिन संसद में ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देने के लिए सभी दलों की बैठक बुलाई गई थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की थी। रक्षा मंत्री ने बैठक में बताया कि भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (POJK) में आतंकी ठिकानों पर जो हमले किए, उसमें कम से कम 100 आतंकवादी मारे गए। सर्वदलीय बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के अलावा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी पहुंचे थे।

First published on: May 16, 2025 05:40 PM

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