Nirmala Sitharaman Exclusive Interview: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने News24 की एडिटर इन चीफ अनुराधा प्रसाद के साथ खास बातचीत में विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय रखी। इस दौरान एक ओर जहां उन्होंने भाजपा की फिर से जीत का भरोसा जताया तो विपक्ष पर भी निशाना साधा। पढ़िए सीतारमण के एक्सक्लूजिव इंटरव्यू में उन्होंने किन सवालों के क्या जवाब दिए।
सवाल: आज लोकसभा चुनाव का चौथा चरण पूरा हो गया, आपको क्या लग रहा है?
जवाब: इस चरण के साथ सभी चरण भाजपा के लिए अच्छा ही चल रहा है। रिजल्ट को लेकर भाजपा के खिलाफ जैसी अटकलें चल रही हैं, वो पता नहीं कहां से आ रही हैं। विपक्ष के पास कुछ और बात नहीं है, इसलिए वह इस तरह की गलत खबरें फैला रहे हैं। हम जीतने वाले हैं और यह जीत बड़े बहुमत के साथ आएगी।
सवाल: भाजपा पहले 400 के आंकड़े की बात कर रही थी, लेकिन अब ऐसा नहीं बोल रही?
जवाब: 400 का आंकड़ा एनडीए के लिए था और 370 भाजपा के लिए था। ऐसा नहीं है कि हम अब यह बात नहीं बोल रहे। गृह मंत्री साफ-साफ यही कह रहे हैं। मुझे लग रहा है कि विपक्ष के पास कोई और विषय नहीं है इसलिए वह इस तरह का नैरेटिव बना रहे हैं। विपक्षी दल सही मुद्दों पर सवाल ही नहीं उठा पा रहे हैं। जो बातें राहुल गांधी कर रहे हैं, जो वादे कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में किए हैं उन्हें लेकर जवाब नहीं दे पा रहे हैं कि इसके लिए वह इसके लिए पैसा कहां से लेकर आएंगे? अपने उन वादों को कैसे पूरा करेंगे। उनके पास हमारे मेनिफेस्टो पर उठाने के लिए सवाल नहीं हैं और अपने मेनिफेस्टो पर देने के लिए जवाब नहीं है।
सवाल: आपने दक्षिण भारत में खूब प्रचार किया, क्या साउथ में भाजपा की सीटें आएंगी?
जवाब: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर चुनाव में हर राज्य पर ध्यान देते हैं। दक्षिण भारत की बात करें तो हमारे प्रोजेक्ट्स और योजनाओं का लाभ उन्हें भी अच्छा मिल रहा है। लेकिन स्टेट लेवल की पार्टियां इन बातों का जिक्र नहीं करती हैं। इसलिए प्रधानमंत्री वहां की खुद बात करते हैं। दक्षिण में माहौल अच्छा है और आम जनता प्रधानमंत्री से प्रभावित है। ये भी सच है कि साउथ से बहुत सारे आम आदमियों को पद्म पुरस्कार दिए गए हैं, इसका काफी पॉजिटिव असर पड़ा है। मुझे लगता है कि इस बार साउथ में भाजपा का प्रदर्शन अच्छा रहेगा।
सवाल: क्या आपको इस बात का अफसोस है कि आप चुनाव नहीं लड़ रही हैं?
जवाब: चुनाव लड़ना या न लड़ना इसमें मेरी निजी राय कुछ भी हो अंतिम फैसला पार्टी का होता है। अगर पार्टी कहे कि आपको चुनाव लड़ना है तो लड़ना है। अगर पार्टी मुझसे कहती कि चुनाव लड़ना है तो मैं लड़ती। पार्टी ने ऐसा नहीं कहा इसलिए मैं चुनाव नहीं लड़ रही हूं। किसको चुनाव लड़ना है या नहीं, यह फैसला पार्टी लेती है कोई नेता नहीं।
सवाल: अरविंद केजरीवाल ने कहा कि योगी हट जाएंगे या अमित शाह पीएम बनेंगे, ऐसी बातों पर आप क्या सोचती हैं?
जवाब: अरविंद केजरीवाल की जो भी बयानबाजी है वह इसलिए है क्योंकि वो समझते हैं कि वो विपक्ष के सबसे अहम नेता हैं। बाकी नेताओं को पीछे करने के लिए इस तरह के बयान देने से वह हिचकते नहीं हैं। आम आदमी पार्टी के फाउंडिंग सदस्य पार्टी के 10 साल पूरे होने से पहले चले गए। ये इसीलिए निकले क्योंकि वह भ्रष्ट और निरंकुश नेतृत्व के साथ काम करने के लिए तैयार नहीं थे।
सवाल: केजरीवाल ने यह भी पूछा कि क्या नरेंद्र मोदी 75 साल के हो जाएंगे तो भी प्रधानमंत्री रहेंगे?
जवाब: 75 साल के बारे में अमित शाह ने तुरंत सटीक जवाब दिया था। हमारे संविधान में ऐसा कोई नियम नहीं है। लेकिन यह बात कहने वालों को कई ज्ञान नहीं है। पता नहीं क्यों वह प्रधानमंत्री के बारे में इस तरह की बातें कर रहे हैं। इसका एक ही कारण दिखता है कि वह खुद को सबसे बड़ा नेता साबित करना चाहते हैं।
सवाल: केजरीवाल को जमानत मिलने का दिल्ली भाजपा के प्रदर्शन पर क्या असर पड़ेगा?
जवाब: दिल्ली में भाजपा के प्रदर्शन पर केजरीवाल का कोई असर नहीं पड़ने वाला। हमारे कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर जनता से जुड़े हैं। हमारे सातों सांसदों के लोकसभा क्षेत्र में अच्छे काम हुए हैं जिनके दम पर हम फिर से सातों सीट पर जीत हासिल करेंगे। लेकिन, केजरीवाल की नाटकबाजी से लोकसभा चुनाव में दिल्ली में कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।
सवाल: एक्स-रे मशीन और मंगलसूत्र से सोना निकालने जैसे नैरेटिव चुनाव में क्यों बन रहे हैं?
जवाब: क्या आपको अजीब सा नहीं लग रहा कि ये मुद्दे क्यों चर्चा में आए। वेल्थ रीडिस्ट्रिब्यूशन की बात कांग्रेस के मेनिफेस्टो में की गई है। मेनिफेस्टो रिलीज के बाद हर मीटिंग में एक्सरे करने वाला मुद्दा किसने उठाया? वेल्थ रीडिस्ट्रिब्यूट करेंगे यह बात किसने कही? जब आप ये मुद्दे उठाएंगे और सार्वजनिक रूप से ऐसी चर्चा करेंगे को इसका जवाब देना हमारा दायित्व बनता है।
सवाल: क्या आपको लगता है कि भाजपा विपक्ष के इस दांव में फंस गई है?
जवाब: लोग मेहनत के साथ पैसा कमा रहे हैं, संपत्ति बना रहे हैं, अगर आप इस पर हाथ लगाने की बात करेंगे तो हम कैसे चुप रहेंगे? हम फंस नहीं रहे हैं लेकिन जनता को उनकी बातों पर रोशनी डालकर दिखा रहे हैं कि उनका मकसद क्या है। हम जनता से यही कह रहे हैं कि सोच-समझ कर वोट करें, ये तो बोलना जरूरी है।
सवाल: मुफ्त की योजनाओं से बने लाभार्थी वोटर्स के सिस्टम को कोई खत्म कर पाएगा?
जवाब: इसे खत्म करना सभी की जिम्मेदारी है। जब टीडीएस कार्ड होल्डर एक रुपया देकर गेहूं ले रहा है, 3-4 रुपये में चावल ले रहा है। इसे खत्म कर बिल्कुल फ्री कर देना इसलिए क्योंकि 1-2 रुपया कलेक्ट करने, लॉजिस्टिक्स का खर्च बहुत ज्यादा हो जाता है। इससे बेहतर हो जाता है कि हम लाभार्थी तक सीधा अनाज पहुंचाएं। लेकिन दिल्ली का जो फ्री वोटर है उसमें अंतर है। केंद्र सरकार सूर्योदय स्कीम लेकर आ रही है। इसमें हम कह रहे हैं कि छत पर सोलर पैनल लगवाएं। इसमें सरकार आर्थिक मदद भी देगी। फ्रीबी का विषय अलग है और विकास के लिए योजनाएं अलग हैं।
सवाल: क्या फिर से सरकार बनेगी तो भाजपा फ्रीबी कल्चर को रोकने के लिए कुछ करेगी?
जवाब: इसे लेकर हम चर्चा करेंगे। हम चर्चा तो करना चाहते हैं। सभी राज्यों और सभी पार्टियों को इस पर ध्यान से बात करनी चाहिए। इस पर कोई भी फैसला विस्तृत विचार विमर्श के बाद ही लिया जा सकता है।