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वक्फ संशोधन बिल पर बवाल क्यों, सरकार का तर्क क्या? 10 पॉइंट्स में जानें हर डिटेल

लोकसभा में आज एनडीए सरकार ने वक्फ संशोधन बिल 2024 पेश किया। सरकार के लिए इस बिल को पास करवाना किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। विपक्ष इसका विरोध कर रहा है, जिसने दावा किया है कि इस बिल को पास नहीं होने दिया जाएगा। इस बिल को लेकर विरोध क्यों हो रहा है, विस्तार से इसके बारे में जानते हैं?

Author Edited By : Parmod chaudhary Apr 3, 2025 06:05
Waqf Amendment Bill 2024

वक्फ संशोधन बिल 2024 को लेकर जबरदस्त घमासान मचा हुआ है। विपक्ष ने ऐलान किया है कि एकजुटता से बिल का विरोध किया जाएगा। सरकार के लिए बिल को पास करवाना किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। हालांकि सदन में नंबर गेम सरकार के पक्ष में है। देखने वाली बात होगी कि विपक्ष इस बिल को फेल करवा पाएगा या नहीं। JDU-TDP जैसे सहयोगी भी मोदी सरकार के साथ हैं। आखिर ये बिल क्या है, विपक्ष क्यों विरोध कर रहा है, विस्तार से इसके बारे में जानते हैं?

ये बिल क्या है: वक्फ संशोधन बिल 2024 वक्फ अधिनियम 1995 में बदलाव के लिए लाया गया विधेयक है। इस बिल को आज लोकसभा में पेश किया गया। पहले इस पर चर्चा हुई और फिर इसे पास कराया गया। इस बिल का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के मैनेजमेंट, पारदर्शिता और दुरुपयोग को रोकने के लिए नियमों को और सख्त बनाना है।

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ऐसे हुई चर्चा: लोकसभा में इस बिल पर चर्चा के लिए 8-8 घंटे का समय निर्धारित किया गया था। एनडीए सरकार में शामिल भारतीय जनता पार्टी (BJP), तेलुगुदेशम पार्टी (TDP), जनता दल यूनाइटेड (JDU), शिवसेना (शिंदे गुट) और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP रामविलास) ने अपने-अपने सांसदों को व्हिप जारी कर सरकार का समर्थन करने का ऐलान किया था। विपक्ष ने भी अपने सांसदों को व्हिप जारी किया था।

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बिल में क्या-क्या बदलाव: विधेयक में वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम मेंबर्स और महिला सदस्यों को शामिल करने का प्रावधान है। इसके अलावा डीएम को संपत्ति सर्वे का अधिकार देना और वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसलों को हाई कोर्ट में चुनौती देने के प्रावधान भी शामिल किए गए हैं।

बिल पर बवाल क्यों: विपक्ष और मुस्लिम संगठन इस बिल को धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बता रहे हैं। उनका तर्क है कि यह बिल वक्फ संपत्तियों को कमजोर करने और सरकारी हस्तक्षेप को बढ़ाने का काम करेगा। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड (AIMPB) ने विपक्ष और सरकार के सहयोगी दलों से अपील की है कि वे इस बिल का विरोध करें।

सरकार का तर्क: भाजपा की अगुआई वाली एनडीए सरकार का कहना है कि इस बिल के लागू होने से वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता आएगी। संपत्तियों का दुरुपयोग रुकेगा और मुस्लिम महिलाओं व गरीबों को इसका लाभ मिलेगा।

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भेदभावपूर्ण: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल बोर्ड के अनुसार यह बिल भेदभावपूर्ण तरीके से लाया जा रहा है। यही नहीं, बिल संविधान के आर्टिकल 14, 25 और 26 के तहत मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन करता है।

समर्थन में कौन-कौन: बिल को पास करवाने के लिए एनडीए सरकार एकजुट नजर आ रही है। बिहार एनडीए पहले ही इस बिल के समर्थन का ऐलान कर चुका है। मोदी सरकार के सहयोगी दल TDP और JDU भी बिल के समर्थन में हैं।

कौन खिलाफ: कांग्रेस पार्टी समेत पूरा विपक्ष बिल का विरोध कर रहा है। विपक्ष ने इसको लेकर बैठक बुलाई थी। बैठक में बिल के खिलाफ लोकसभा में वोटिंग करने का ऐलान किया गया था। कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल RJD, TMC, DMK, AIMIM, समाजवादी पार्टी (SP) और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) इसका विरोध कर रहे हैं।

लोकसभा में नंबर गेम: लोकसभा में एनडीए सरकार के पास फिलहाल 293 सांसदों का समर्थन है। वहीं, विपक्ष यानी इंडिया ब्लॉक के पास लोकसभा में 233 सांसद हैं।

राज्यसभा में स्थिति: वक्फ बिल को आज लोकसभा में पेश किया जाएगा। संख्या बल के हिसाब से नजर डालें तो मोदी सरकार की राह लोकसभा में आसान दिख रही है। एनडीए के पास बहुमत है और माना जा रहा है कि यह पास हो जाएगा। राज्यसभा में स्थित अलग है, यहां 115 सांसदों के साथ सरकार की राह आसान नहीं दिख रही है।

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Edited By

Parmod chaudhary

First published on: Apr 03, 2025 06:05 AM

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