पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान क्षेत्र में बढ़ते तनाव और संवेदनशील सुरक्षा हालातों के बीच, नेशनल साइबर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (National CERT) ने एक अहम एडवाइजरी जारी की है। इसमें मीडिया संस्थानों, पत्रकारों, डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स और आम जनता से अपील की गई है कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी किसी भी जानकारी को साझा करते समय अत्यधिक सतर्कता बरतें।
एडवाइजरी में बताया गया है कि हाल के दिनों में सोशल मीडिया और अन्य सार्वजनिक मंचों पर सैन्य गतिविधियों, तैनातियों और रणनीतिक जानकारी से जुड़ी तस्वीरें, वीडियो और टिप्पणियां तेजी से सामने आई हैं। CERT का कहना है कि ऐसी जानकारी, चाहे जानबूझकर हो या अनजाने में साझा की गई हों, दुश्मन ताकतों को फायदा पहुंचा सकती है और देश की सुरक्षा को खतरे में डाल सकती है।
नकली मीडिया और अफवाहों का खतरा
एडवाइजरी में यह भी चेतावनी दी गई है कि मौजूदा हालातों में डीपफेक वीडियो, झूठी खबरें और गलत सूचनाओं का प्रसार तेज हो गया है। इससे न केवल जनता में भ्रम और अविश्वास पैदा हो सकता है, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तनाव भी बढ़ सकता है। CERT ने इस पर विशेष ध्यान देने और ऐसे फर्जी कंटेंट की पहचान कर उसे तुरंत रिपोर्ट करने की अपील की है।
मीडिया और डिजिटल क्रिएटर्स के लिए दिशा-निर्देश
एडवाइजरी में पत्रकारों, मीडिया संस्थानों, यूट्यूबर्स, ब्लॉगरों और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स के लिए कई जरूरी सुझाव दिए गए हैं:
1. सैन्य गतिविधियों या रणनीतिक स्थानों की तस्वीरें या वीडियो न लें और न ही साझा करें।
2. संवेदनशील स्थानों से लाइव अपडेट या लोकेशन-आधारित पोस्ट करने से बचें।
3. किसी भी सामग्री की पुष्टि के बिना उसे साझा न करें।
4. डीपफेक की पहचान करने के लिए टूल्स और रिवर्स इमेज सर्च का इस्तेमाल करें।
5. हर खबर में भरोसेमंद स्रोतों का हवाला दें और बिना पुष्टि वाली खबरों को अपुष्ट के रूप में चिन्हित करें।
कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
CERT ने स्पष्ट किया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय जानकारी को अनधिकृत रूप से प्रकाशित करने पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इसके तहत सजा और जुर्माना दोनों हो सकते हैं। मीडिया संस्थानों से कहा गया है कि वे अपने फ्रीलांस और फील्ड रिपोर्टर्स को इन कानूनों की जानकारी दें और उन्हें इसके अनुसार प्रशिक्षित करें।
समाज की भूमिका
एडवाइजरी का मुख्य उद्देश्य न केवल मीडिया को सावधान करना है, बल्कि आम नागरिकों को भी डिजिटल ज़िम्मेदारी का एहसास दिलाना है। CERT का कहना है कि इस कठिन समय में हर नागरिक की भूमिका महत्वपूर्ण है। यदि हर व्यक्ति सतर्क रहे, अफवाहों से बचे और सूचना साझा करने से पहले उसकी पुष्टि करे, तो हम एकजुट होकर राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बना सकते हैं।