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क्या है तमिलनाडु के 1000 साल पुराने मंदिर का इतिहास? जिसका पीएम ने वाराणसी में किया जिक्र

Brihadeeswarar Temples: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश में कई करोड़ों की परियोजनाओं की शुरुआत की। इस दौरान पीएम ने जनता को भी संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम ने तमिलनाडु के एक मंदिर का जिक्र किया। पीएम कुछ समय पहले इस मंदिर में दर्शन भी कर चुके हैं।

Author Written By: Shabnaz Author Published By : Shabnaz Updated: Aug 2, 2025 13:51
Brihadeeswarar Temple
Photo Credit- X

Brihadeeswarar Temple: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं। इस दौरान वह वाराणसी पहुंचे, जहां पर पीएम ने कई परियोजनाओं के साथ पीएम किसान योजना की 20वीं रिमोट का बटन दबाकर जारी की। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर भी बात की। इसके साथ ही उन्होंने तमिलनाडु के बृहदेश्वर मंदिर का जिक्र किया। इस मंदिर में पीएम भी दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। यह करीब 1000 साल पुराना है, जिसे राजा राजेंद्र चोल ने बनवाया था। यहां जानिए इस मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातें और इसका इतिहास क्या है।

पीएम मोदी ने मंदिर के बारे में क्या कहा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में इस मंदिर का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ‘कुछ दिन पहले मैं तमिलनाडु के मंदिर में गया था। वह करीब 1 हजार साल पुराना है, जिसे राजा राजेंद्र चोल ने बनवाया था।’ पीएम ने आगे कहा कि ‘राजेंद्र चोल ने उत्तर भारत से गंगाजल लाकर उत्तर को दक्षिण से जोड़ा था।’ बता दें कि पीएम तमिलनाडु गए थे, तब इस मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंचे थे।

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बृहदीश्वर मंदिर का इतिहास

भारत के तमिलनाडु के अरियालुर जिले में बृहदीश्वर मंदिर को बनाया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूनेस्को विरासत स्थल गंगईकोंडा चोलपुरम के बृहदीश्वर मंदिर को 1003 से 1010 ई. में बनाया गया था। इसे चोल शासक राजेंद्र चोल प्रथम ने बनवाया था। जानकारी के मुताबिक, राजा ने मंदिर के कुएं में कई प्रांतों से गंगाजल लाकर डाला था। यह बड़े शिव मंदिरों में से एक है। इसमें 13 फुट ऊंचा शिवलिंग स्थापित किया गया है। साथ ही नंदी और खूबसूरत कलाकृतियां बनाई गई है। आज यह यूनेस्को के विरासत स्थलों में शामिल किया जा चुका है।

राजेंद्र चोल प्रथम को 1014-1044 ई. के सबसे शक्तिशाली शासकों में से एक माना जाता है। उनके साम्राज्य में कई क्षेत्रों में उनका गहरा प्रभाव था, राजा ने कई जंग जीती। उन्होंने गंगईकोंडा चोलपुरम को अपनी राजधानी बनाया था।

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First published on: Aug 02, 2025 01:51 PM

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