What Is Minimum Support Price : किसान अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर आंदोलन का रास्ता अपनाने जा रहे हैं। किसान सरकार से कई मांगें कर रहे हैं लेकिन इनमें सबसे अहम बताई जा रही है एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर कानून की मांग। इसके लिए 200 से ज्यादा किसान यूनियन आज यानी मंगलवार को दिल्ली में आंदोलन करने वाली हैं। इसके लिए दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। इस रिपोर्ट में जानिए एमएसपी क्या है और केंद्र सरकार को इस पर कानून लाने में दिक्कत क्यों है।
क्या है एमएसपी का मतलब?
एमएसपी का मतलब है कि किसान की उपज की एक न्यूनतम कीमत तय करना। फसल बोते समय यह तय किया जाता है कि कटाई के बाद उपज की बाजार में किस कीमत पर बिक्री होगी। एमएसपी एक तरह से इस बात की गारंटी होती है कि किसान को उसकी उपज का दाम तय कीमत से कम नहीं मिलेगा, फिर भले ही बाजार में कीमत गिर गई हो। किसानों का कहना है कि एमएसपी पर कानून लाकर अन्नदाता को बाजार में कीमतों में कमी या इजाफे से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है और यह बहुत जरूरी भी है।
किसानों की मांग है कि अगर कहीं पर उपज की खरीद एमएसपी से कम कीमत पर होती है तो इसे अपराध घोषित किया जाए और एमएसपी पर सरकार की ओर से खरीदारी जारी रखी जाए। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि केंद्र सरकार ने हमें लिखित में जो आश्वासन दिए थे उन्हें पूरा करे। सरकार को ऐसे प्रभावी कदम उठाने चाहिए जिनसे किसानों के सामने लगातार बढ़ते संकट को कम किया जा सके और उन्हें राहत दी जा सके। किसान मोर्चा का कहना है कि एमएसपी कानून लाने से किसानों की कर्ज पर निर्भरता भी कम हो जाएगी।
केंद्र क्यों नहीं मान रहा मांग?
बता दें कि केंद्र सरकार ने लगभग 24 फसलों पर एमएसपी की व्यवस्था लागू कर रखी है। लेकिन फिर भी किसान एमएसपी गारंटी कानून की मांग कर रहे हैं। दरअसल सरकार का तर्क है कि पहले के कानूनों में भी यह बात लिखित में नहीं थी। लेकिन मसला सिर्फ इतना नहीं है। सरकार के सामने यह सवाल भी हैं कि कानून बना भी दिया जाए तो फसलों की गुणवत्ता के मानक कैसे तय किए जाएंगे? भविष्य में सरकार की ओर से खरीद कम होने की संभावना भी है। ऐसे में इस पर कानून बनाना सरकार के लिए संकट मोल लेना हो जाएगा।
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