मुंबई: जन्माष्टमी पर दही-हांडी समारोह के दौरान 150 से अधिक लोग घायल
मुंबई: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में जन्माष्टमी पर दही हांडी समारोह के दौरान 150 से अधिक लोग घायल हो गए।
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के अधिकारियों ने कहा, "मानव पिरामिड बनाने के दौरान 153 गोविंदा पाठक घायल हो गए, जिनमें से 130 लोगों का इलाज किया गया और उन्हें छुट्टी दे दी गई, 23 लोग अभी भी भर्ती हैं और उनका इलाज चल रहा है।" घायलों को तत्काल आधार पर शहर भर के अस्पतालों में ले जाया गया।
इस बीच, ठाणे में भी, अधिकारियों ने बताया कि दही हांडी समारोह के दौरान 'गोविंदा पाठक' के कम से कम 64 लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने कहा, "ठाणे जिले में दही हांडी उत्सव के दिन गोविंदा पाठक के करीब 64 लोग मानव पिरामिड बनाकर घायल हो गए थे। कई लोगों के सड़क पर बाइक से गिरने की खबर है।"
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इससे पहले शुक्रवार को, बीएमसी के अनुसार, शुक्रवार को कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव के हिस्से के रूप में दही हांडी के उत्सव के लिए मानव पिरामिड के निर्माण के दौरान मुंबई में हुई दुर्घटनाओं में कम से कम 111 लोग घायल हो गए थे।
नगर निकाय के अनुसार 23 लोगों का इलाज चल रहा है जबकि 111 में से 88 लोगों का इलाज कर रात नौ बजे छुट्टी दे दी गई। बीएमसी ने कहा, "कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है।"
बता दें कि ठाणे में, जन्माष्टमी का त्योहार बड़े पैमाने पर मनाया जाता है, और वहां कई दही हांडी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। दही हांडी प्रतियोगिता को देखने के लिए शहर भर में भारी भीड़ उमड़ी।
दही हांडी को मिलेगी आधिकारिक खेल की मान्यता
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने गुरुवार को घोषणा की कि ‘दही-हांडी’ को अब राज्य में आधिकारिक खेल के रूप में मान्यता दी जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि राज्य में “प्रो-दही-हांडी” प्रतियोगिताएं शुरू की जाएंगी। जन्माष्टमी के अवसर पर शिंदे ने कहा, “महाराष्ट्र में खेल श्रेणी के तहत ‘दही-हांडी’ को मान्यता दी जाएगी। ‘प्रो-दही-हांडी’ को पेश किया जाएगा। ‘गोविंदा’ को खेल श्रेणी के तहत नौकरी मिलेगी। सभी ‘गोविंदा’ के लिए 10 लाख रुपये का बीमा कवर प्रदान किया जाएगा।”
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नौकरियों में आरक्षण
उन्होंने कहा, यदि गोविंदा की मृत्यु हो जाती है तो 10 लाख रुपये का बीमा कवर होगा, जबकि आंशिक रूप से विकलांग होने पर 5 लाख रुपये का बीमा कवर होगा। उन्होंने कहा, “इन गोविंदा को नौकरियों में भी आरक्षण मिलेगा।” उन्होंने कहा कि राज्य के कई शहर ‘दही-हांडी’ मनाते हैं और यह एक साहसिक खेल है। इसलिए इसे राज्य खेल श्रेणी में शामिल करने का निर्णय लिया गया। जन्माष्टमी, भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव मनाने वाला त्योहार अक्सर कई अनुष्ठानों के साथ मनाया जाता है, जिनमें से ‘दही-हांडी’ सबसे प्रमुख में से एक है।
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