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8 साल में 800000 पुरुषों ने लगाया मौत को गले, क्या वाकई पार्टनर से प्रताड़ित हैं पुरुष? क्या कहते हैं आंकड़े

Mens Suicide Rate Increasing Reason: अतुल सुभाष के बाद TCS के मैनेजर मानव शर्मा की सुसाइड लगातार चर्चा में है। मगर क्या आप जानते हैं कि पुरुषों में आत्महत्या की दर तेजी से बढ़ रही है। आखिर इसकी क्या वजह है?

Mens Suicide Rate Increasing Reason: अतुल सुभाष के बाद मानव शर्मा की आत्महत्या ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। मानव शर्मा ने पत्नी से तंग आकर मौत को गले लगा लिया। इसी बीच लोगों ने दहेज, तलाक और एक्सट्रा मैरिटल अफेयर जैसे कानूनों में बदलाव की मांग उठा दी है। अब सवाल यह है कि क्या वाकई शादीशुदा पुरुष अपनी जिंदगी से परेशान हैं? पुरुषों में सुसाइड दर तेजी से बढ़ रही है? इन कानूनों में ऐसा क्या है, जिन्हें बदलने की मांग की जा रही है?

पुरुषों की आत्महत्या के आंकड़े

NCRB रिपोर्ट में पुरुषों की आत्महत्या पर चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। आंकड़ों की मानें तो 8 साल में 8 लाख से ज्यादा पुरुषों ने मौत को गले लगाया है। 2015 से 2022 के बीच 8.09 लाख पुरुषों ने सुसाइड की। इनमें ज्यादातर पुरुष शादीशुदा थे और उनकी सुसाइड की वजह निजी समस्याएं ही थीं। वहीं 8 साल में 43,314 महिलाओं ने आत्महत्या की, जो पुरुषों की तुलना में आधी है। यह भी पढ़ें- Unified Pension Scheme एक अप्रैल से लागू होगी, जानें NPS से कितनी अलग है UPS?

क्या है सुसाइड की वजह?

NCRB 2021 की रिपोर्ट के अनुसार देशभर में 1.64 लाख से ज्यादा लोगों ने सुसाइड की, जिनमें 81,000 शादीशुदा पुरुष और 28,000 शादीशुदा महिलाएं शामिल हैं। रिपोर्ट की मानें तो 33.2% पुरुषों के आत्महत्या की वजह पारिवारिक समस्याएं ही थीं। NCRB की रिपोर्ट में इन समस्याओं को विस्तार में नहीं बताया गया है, लेकिन इसके लिए लड़ाई-झगड़े, मानसिक उत्पीड़न, विवाद और शारीरिक उत्पीड़न जैसी वजहें जिम्मेदार है।

दहेज के कानून पर उठे सवाल

IPC की धारा 498A को BNS की धारा 85 और 86 में तब्दील कर दिया गया है, जिसमें दहेज को लेकर सख्त सजा का प्रावधान है। हालांकि महिलाएं अक्सर इस कानून का दुरुपयोग करती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 10 दिसंबर 2024 को एक केस की सुनवाई के दौरान कहा था ज्यादातर महिलाएं इस कानून का गलत इस्तेमाल करती हैं। वहीं इस कानून के तहत केस दर्ज होने के बाद महिलाओं को कोई सबूत नहीं देना पड़ता बल्कि पुरुषों को सबूत देकर खुद को बेहुनाह साबित करना पड़ता है।

एक्सट्रा मैरिटल अफेयर पर कानून

बता दें कि IPC की धारा 497 में एडल्ट्री यानी एक्सट्रा मैरिटल अफेयर को अपराध बताया गया था। ऐसे में अगर कोई शादीशुदा पुरुष या स्त्री किसी और के साथ अवैध संबंध बनाता था, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान था। मगर 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने धारा 487 को रद्द कर दिया था। यह भी पढ़ें- दिल्ली-NCR में भयंकर बारिश, कश्मीर से उत्तराखंड तक बर्फबारी, पढ़ें 11 राज्यों के लिए IMD अपडेट


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