Manipur Violence: मणिपुर में चल रही हिंसा को आज करीब एक माह पूरा हो चुका है। एक रिपोर्ट के अनुसार, हिंसा के काराण राज्य में करीब 98 लोग मारे गए हैं, जबकि 310 लोग घायल हैं। हालांकि स्थिति में सुधार होता दिख रहा है। राज्य प्रशासन ने कई जिलों में लगाए गए कर्फ्यू में ढील भी दी है।
जानकारी के मुताबिक, मणिपुर में मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में 3 मई को 10 जिलों में संघर्ष (Manipur Violence) हो गया था। तभी से राज्य के कई हिस्सों में घातक हिंसा भड़क गई। राज्य में इस तवान का मूल कारण आरक्षित वन भूमि से कूकी ग्रामीणों को बेदखल करना था। मैतेई समाज के लोग मणिपुर की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हैं। ये लोग ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। इसके अलावा नागा और कुकी समाज के लोग आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी जिलों में रहते हैं।
इन जिलों के कर्फ्यू में दी गई इतनी ढील
हालांकि मणिपुर की स्थिति में सुधार होता दिख रहा है। हिंसा के मद्देनजर लगाए गए कर्फ्यू में कई जिलों में ढील दी गई है। वर्तमान में इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व और बिष्णुपुर में लगे कर्फ्यू में 12 घंटे की ढील दी गई है। जिरीबाम में सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक 8 घंटे के लिए कर्फ्यू खोला गया है। इसी तरह थौबल और काकिंग में सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक 7 घंटे की छूट मिलेगी। चुराचांदपुर और चंदेल जिलों में सुबह 5 बजे से दोपहर 3 बजे तक कर्फ्यू में 10 घंटे की छूट होगी।
इसके अलावा टेंग्नौपाल जिले में सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक 8 घंटे की छूट दी गई है, जबकि कांगपोकपी में सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक 11 घंटे की छूट होगी। फिरजावल जिले में सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक 12 घंटे की सबसे लंबी कर्फ्यू में छूट दी गई है। इस बीच तमेंगलोंग, नोनी, सेनापति, उखरूल और कामजोंग जिलों में कोई कर्फ्यू नहीं होगा।
केंद्रीय गृहमंत्री ने किया था राज्य का दौरा, दिए जांच के आदेश
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मणिपुर में हिंसा की चपेट में आने के बाद से आगजनी के करीब 4,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। मैतेई और कुकी समुदायों के बीच संघर्ष के दौरान प्रभावित जिलों में करोड़ों की संपत्तियों को आग लगा दी गई और हजारों लोगों को पलायन करके जाना पड़ा। हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंसा प्रभावित राज्य का दौरा किया है। शाह ने कहा है कि इस मामले की जांच के लिए हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में न्यायिक जांच का गठन किया जाएगा।
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(Zolpidem)
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