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मणिपुर में फिर लगा कर्फ्यू, स्कूल और बाजार-दुकानें बंद; जानें अब क्यों आपस में भिड़े 2 गुट?

मणिपुर में एक बार फिर कर्फ्यू लगाया गया है, क्योंकि 2 गुट आपस में फिर भिड़ गए थे। इस बार विवाद झंडा लगाने को लेकर हुआ है। विवाद बढ़ता देखकर मजिस्ट्रेट ने आदेश जारी करके कर्फ्यू लगा दिया, ताकि विवाद का दमन हो और हिंसा न फैले।

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगने के बावजूद हालात काबू में नहीं आ रहे हैं। मणिपुर में एक बार फिर कर्फ्यू लगा गया है। कर्फ्यू चुराचांदपुर जिले में लगाया गया है। चुराचांदपुर के जिला मजिस्ट्रेट धरुण कुमार ने कर्फ्यू का आदेश जारी किया और तुरंत प्रभाव से लागू भी कर दिया। आदेश में कहा गया कि चुराचांदपुर के 2 गांवों और कांगवई, समुलामलान, संगाईकोट उपमंडलों में पूरी तरह कर्फ्यू के नियम 17 अप्रैल तक लागू रहेंगे, लेकिन बाकी इलाकों में जरूरी चीजों और सेवाओं के लिए 17 अप्रैल तक सुबह 6 बजे से शाम 5 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी जाएगी। यह भी पढ़ें:गुजरात में मेरठ जैसी ‘मुस्कान’, प्रेमी की मोहब्बत में छीनी पति की जान

इस वजह से हुआ था विवाद

बता दें कि गत 18 मार्च को विवाद हुआ था। चुराचांदपुर में जोमी और हमार समर्थक आपस में भिड़ गए थे। दोनों गुटों में हुई झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। लोग घायल भी हुए थे। एक व्यक्ति ने मोबाइल टावर पर चढ़कर जोमी झंडा उतार कर जमीन पर फेंक दिया था, जिस वजह से विवाद हुआ। हालातों को देखते हुए दोनों ग्राम अधिकारियों ने आपात बैठक बुलाई। इस बैठक में कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया गया। लोगों से शांति बनाए रखने का अपील संदेश जारी किया गया। लोगों से कहा गया कि वे सोशल मीडिया पर अफवाहें न फैलाए। इस बैठक में एक और फैसला लिया कि दोनों गांवों के बीच जमीन को लेकर जो विवाद छिड़ा है, उसे बातचीत करके सुलझाया जाएगा। यह भी पढ़ें:12वीं के छात्र शिवा के इश्क में हिंदू बनीं शबनम, 3 बच्चों को छोड़ मंदिर में रचाई तीसरी शादी

मणिपुर में लागू है राष्ट्रपति शासन

बता दें कि मणिपुर में फरवरी महीने में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था, क्योंकि मई 2023 से प्रदेश में कुकी और मैतई समुदाय के बीच विवाद चल रहा था, जिसके चलते हुई हिंसा में करीब 250 लोग मारे जा चुके थे। पथराव, आगजनी और आपराधिक घटनाएं हो चुकी थीं। हिंसा और तनाव के कारण दोनों समुदायों के हजारों लोग विस्थापित हो गए थे। हालात कंट्रोल करने में विफल होने पर गत 9 फरवरी को प्रदेश के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया। मुख्यमंत्री का इस्तीफा स्वीकार करके राज्य विधानसभा को भंग कर दिया।


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