Mahua Moitra cash for query Case Updates Six Key points: ‘तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा को सांसद के रूप में बने रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उनकी सदस्यता समाप्त कर दी जानी चाहिए…’, ये बातें पार्लियामेंट्री एथिक्स कमेटी (संसदीय आचार समिति) ने कैश फॉर क्वेरी आरोपों की जांच के बाद अपनी सिफारिश में कही है। कमेटी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को उनके अत्यधिक आपत्तिजनक, अनैतिक, जघन्य और आपराधिक कामों के लिए कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
एथिक्स कमेटी की बैठक आज
पैसे लेकर सवाल पूछने के केस में कमेटी की आज 9 नवंबर को बैठक होगी। बैठक पहले 7 नवंबर को होनी थी, लेकिन अज्ञात कारणों से इसे दो दिन के लिए टाल दिया गया था। संभावना कि महुआ मोइत्रा शाम चार बजे कमेटी के सामने पेश हो सकती हैं। बैठक के बाद कमेटी अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को सौंपेगी। संभावना है कि शीतकालीन सत्र में चर्चा के बाद महुआ मोइत्रा को बर्खास्त किया जा सकता है।
निशिकांत दुबे का दावा- सीबीआई जांच का आदेश
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया के एक्स प्लेटफॉर्म पर दावा किया है कि महुआ मोइत्रा पर लगे आरोपों की जांच अब सीबीआई कर सकती है। उन्होंने लिखा कि लोकपाल ने आज मेरी शिकायत पर आरोपी सांसद महुआ जी के राष्ट्रीय सुरक्षा को गिरवी रखकर भ्रष्टाचार करने पर सीबीआई जांच का आदेश दिया है।
लोकपाल ने आज मेरे कम्प्लेन पर आरोपी सांसद महुआ जी के राष्ट्रीय सुरक्षा को गिरवी रखकर भ्रष्टाचार करने पर CBI inquiry का आदेश दिया
---विज्ञापन---— Dr Nishikant Dubey(Modi Ka Parivar) (@nishikant_dubey) November 8, 2023
500 पन्नों में रिपोर्ट में है क्या-क्या?
- रिपोर्ट के ऑपरेटिव हिस्से में कमेटी ने यह भी सिफारिश की है कि पूरे मामले की कानूनी, गहन, संस्थागत और समयबद्ध जांच की जाए।
- महुआ मोइत्रा ने अनधिकृत व्यक्तियों के साथ यूजर आईडी साझा की। कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से रुपए और सुविधाएं ली थीं। यह उनकी ओर से गंभीर क्राइम था, जिसके लिए उन्हें कड़ी सजा की आवश्यकता है।
- महुआ मोइत्रा और श्री दर्शन हीरानंदानी के बीच नकद लेनदेन की जांच केंद्र सरकार द्वारा कानूनी, संस्थागत और समयबद्ध तरीके से की जानी चाहिए।
- पिछले हफ्ते कमेटी की बैठक में महुआ मोइत्रा ने सवालों पर आपत्ति जताते हुए वॉकआउट किया। स्पीकर को लिखे एक पत्र में उन्होंने समिति पर निजी सवाल पूछने का आरोप लगाया।
- एथिक्स पैनल के प्रमुख भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर ने दर्शन हीरानंदानी के साथ मोइत्रा के व्यक्तिगत संबंधों पर ध्यान केंद्रित किया था। जय अनंत देहाद्राई के बारे में भी सवाल थे, जिनकी शिकायत केंद्रीय जांच ब्यूरो से करने पर पूरा मामला बना हुआ है।
- कमेटी ने मोइत्रा पर जांच में सहयोग न करने का आरोप लगाया। सोनकर ने कहा था कि महुआ मोइत्रा और विपक्षी सदस्य सवालों के जवाब देने से बचने के लिए अचानक बैठक से बाहर चले गए।
14 अक्टूबर को सीबीआई से हुई शिकायत
इस विवाद की शुरुआत 14 अक्टूबर को हुई थी, जब सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहद्राई ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ सीबीआई से शिकायत की थी। इसके बाद 15 अक्टूबर को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि मोइत्रा ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और प्रतिद्वंद्वी व्यवसायी अदानी समूह को निशाना बनाने के लिए सवाल पूछने के लिए कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से पैसे लिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि महुआ ने अपना लॉग इन आईडी शेयर किया।
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