Union Budget 2024 News: लोकसभा चुनाव 2024 में रोजगार का मुद्दा सबसे बड़ा हॉट टॉपिक था। पेपरलीक से आक्रोशित युवा नौकरी की मांग कर रहे थे। नतीजा आया तो बीजेपी बहुमत से चूक गई। केंद्र की सरकार नीतीश और नायडू पर निर्भर हो गई। जाहिर है कि इस नतीजे का असर बजट 2024 में भी दिखा है। मोदी 3.0 के पहले बजट में नीतीश और नायडू को भले ही स्पेशल स्टेट्स का दर्जा नहीं मिला है, लेकिन केंद्र सरकार ने इंफ्रा में निवेश के जरिए दोनों राज्यों को खूब पैसा देने का ऐलान किया है।
बजट में रोजगार पर खास जोर
निर्मला सीतारमण के बजट में रोजगार पर खास ध्यान दिया गया है। युवाओं के लिए सभी सेक्टर्स की प्राइवेट कंपनियों में अप्रेंटिसशिप का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही सरकार पहली नौकरी पाने वाले युवाओं को डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर स्कीम के जरिए 15 हजार रुपये का भुगतान भी करेगी। नियोक्ता के लिए यह डील इसलिए भी आकर्षक है क्योंकि इसमें पीएफ के उनके शेयर पर केंद्र सरकार सब्सिडी भी देगी।
1 करोड़ युवाओं को नौकरी
वित्तमंत्री ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के तहत एक साल के अंदर एक करोड़ लोगों को नौकरी मिलेगी। इन प्रावधानों से साफ है कि बीजेपी के लिए रोजगार एक मुद्दा है। और बेरोजगारी से परेशान युवाओं की नाराजगी उसके लिए चिंता का विषय है।
हालांकि वित्तमंत्री ने नई टैक्स व्यवस्था के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार कर दिया है। इससे नई टैक्स व्यवस्था वाले टैक्सपेयर्स को सालाना 17,500 रुपये की बचत होगी। हालांकि बचत की यह एक छोटी राशि है, लेकिन यह टैक्सपेयर्स को खर्च करने के लिए प्रेरित करेगी।
कस्टम ड्यूटी भी घटाया
फैमिली पेंशन पर डिडक्शन की सीमा को भी 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार कर दिया गया है। साथ ही सेलफोन, चार्जर, कैंसर की दवाओं, सी-फूड, लेदर और गोल्ड पर कस्टम ड्यूटी को भी कम किया गया है। कई सालों बाद सरकार ने तंबाकू पर टैक्स में इजाफा नहीं किया है।
सियासी हकीकत का अंदाजा
बजट की घोषणाओं से साफ है कि वित्तमंत्री को सियासी हकीकत का अंदाजा है। इसलिए बजट में किसी बड़े सुधार या बिग आइडिया की बात नहीं है, जिससे अगले पांच सालों की राजनीति तय हो सके। बजट में विपक्षी पार्टी के मेनिफेस्टो की भी झलक मिलती है।
तीन नई ELI स्कीम का ऐलान
वित्तमंत्री ने तीन नई ELI (Employment Linked Incentive) स्कीम की घोषणा की है। सीतारमण ने श्रम मंत्रालय को ELI स्कीम के तहत पहली बार 10 हजार करोड़ दिए हैं। वहीं इंटर्नशिप के लिए वित्तमंत्री ने कॉरपोरेट अफेयर्स को 2 हजार करोड़ दिए हैं। यही नहीं वित्तमंत्री स्टार्ट अप को पुर्नजीवन देने के लिए एंजेल टैक्स को खत्म कर दिया है। एंजेल टैक्स की वजह से स्टार्ट अप इको सिस्टम को काफी नुकसान उठाना पड़ा था।
पीएम ने भी किया ELI का जिक्र
वित्तमंत्री के बजट भाषण के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में खास तौर पर ELI स्कीम का जिक्र किया और कहा कि इससे हजारों नौकरियां पैदा होंगी। मोदी ने कहा कि एक युवा की पहली नौकरी की पहली सैलरी का खर्च सरकार उठाएगी। टॉप कंपनियों में काम करने से युवाओं के लिए संभावनाओं के असीमित रास्ते खुलेंगे।
साफ है कि पीएम मोदी, वित्तमंत्री और बीजेपी सरकार के लिए रोजगार मुद्दा है। बेरोजगारी से सरकार को टेंशन है। पीएम मोदी भले ही अपने भाषणों में अमृतकाल का जिक्र करें, लेकिन सियासी हकीकत का अंदाजा उन्हें चैन नहीं लेने दे रहा है।