Jammu Kashmir: G20 मीट में L-G मनोज सिन्हा ने बुधवार को कहा कि कश्मीर अब हड़तालों और पत्थरबाजों की भूमि नहीं है। उन्होंने कहा कि 30 वर्षों तक शांति की इस भूमि को हमारे पड़ोसी देश द्वारा प्रायोजित आतंकवाद का शिकार होना पड़ा। बता दें कि G20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक का आधिकारिक चरण मंगलवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के आवास पर आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के साथ संपन्न हुआ, जहां उनके साथ मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता और G20 के मुख्य समन्वयक हर्ष श्रृंगला थे।
इस कार्यक्रम में मनोज सिन्हा ने कहा कि कश्मीर अब हड़तालों और पत्थरबाजों की भूमि नहीं है, जो घाटी में सामान्य स्थिति की ओर इशारा करता है। पाकिस्तान की आलोचना करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासन सीमा पार आतंकवाद को ‘नष्ट’ करने में कामयाब रहा है।
बोले- केंद्र शासित प्रदेश नए युग का बन रहा गवाह
उपराज्यपाल ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश एक नए युग का गवाह बन रहा है जिसने विकास, शांति और विकास की असीम संभावनाएं खोली हैं। उन्होंने कहा कि आज केंद्र शासित प्रदेश देश के सबसे विकसित राज्यों में से एक है।
पाकिस्तान की ओर से श्रीनगर में जी20 की बैठक पर सवाल उठाने को लेकर एलजी ने कहा कि हमारे पड़ोसियों को पहले अपने लोगों की बुनियादी ज़रूरतों का ख्याल रखना चाहिए। भारत आगे बढ़ गया है। यहां यूएन के काफी प्रतिनिधि मौजूद हैं। इससे पता चलता है कि वे यहां और कार्यक्रम आयोजित करना चाहते हैं।
सिन्हा बोले- 30 साल तक आतंकवाद से पीड़ित रहा है जम्मू-कश्मीर
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को श्रीनगर में जी20 की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रायोजित आतंकवाद के कारण 30 वर्षों तक पीड़ित रहा है, लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य को सशक्त बनाने वाली विकास योजनाएं लेकर आए हैं।
लेफ्टिनेंट गवर्नर सिन्हा ने G20 बैठक में प्रतिनिधियों से कहा कि जम्मू-कश्मीर हमेशा ज्ञान और लुभावनी परिदृश्य का केंद्र रहा है। प्रेस की स्वतंत्रता पर एक सवाल के जवाब में एलजी मनोज सिन्हा ने कहा, “जम्मू और कश्मीर के प्रेस को पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल सात पत्रकारों को भारत में हिरासत में लिया गया और गिरफ्तार किया गया। जम्मू-कश्मीर और आतंकवाद रोधी एजेंसियां जांच कर रही हैं।”
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