यूपी के अलीगढ़ के कल्याण सिंह हैबिटेट सेंटर में भारतीय शिक्षा बोर्ड की अलीगढ़ मंडल की मण्डलीय संगोष्ठी आयोजित हुई। इस मौके पर मंडलायुक्त संगीता सिंह मुख्य अतिथि के रूप में रही। विशिष्ट अतिथि के रूप में संयुक्त निदेशक मनोज गिरि और राकेश कुमार रहे । वहीं पूर्व आईएएस और भारतीय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. एनपी सिंह मुख्य वक्ता के रूप में रहे।
भारतीय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. एनपी सिंह ने कहा कि आधुनिक पाश्चात्य शिक्षा के परिवेश में शिक्षा में भारतीय संस्कृति और संस्कारों का अभाव है। हमारे भारत में लगातार छात्र छात्राओं का नैतिक पतन हो जा रहा है तथा भारतीय शिक्षा बोर्ड की मूल भावना है। सिंह ने कहा कि बच्चों को भारतीय संस्कृति, वेद, शास्त्र, उपनिषद, गीता आध्यात्मिक शिक्षाओं के साथ आधुनिक कंप्यूटर साइंस व प्रकृति के मूल से जोड़कर गुणवत्तापूर्ण व संस्कारयुक्त, चरित्रवान बनाना है। इसके लिये भौतिकतावादी चकाचौंध से मानस का विचार परिवर्तन करना होगा। सिंह ने इसके लिए सभी से निवेदन किया गया यदि भारत को सशक्त, संस्कारवान और विश्व गुरु बनाना है तो अपने विद्यालयों को भारतीय शिक्षा बोर्ड से सम्बद्ध करें।
बता दें कि गोष्ठी में भारतीय शिक्षा बोर्ड के चैयरमेन एन पी सिंह ने समस्त मंडल से आए विद्यालयों के प्रबंधकों, प्राचार्यों, प्रतिनिधियों से विस्तार से भारतीय शिक्षा बोर्ड की आवश्यकता के बारे में विस्तार से चर्चा की।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मंडलायुक्त ने कहा कि बच्चों को संस्कार देने का काम सर्वाधिक माता-पिता और आदर्श शिक्षक का होता है। उसको एक माहौल भी प्रभावित करता है इसलिए हमें बड़ी-बड़ी फैसिलिटी युक्त इमारतों के विद्यालय की ओर अधिक आकर्षित नहीं होना है। कहा कि प्राचीन वैदिक संस्कृति की ओर लौटना है। लोगों से अपील की है कि भारतीय शिक्षा बोर्ड संस्थान से विद्यालय जोड़ कर बच्चों को प्रवेश दिलायें।
गोष्ठी का संचालन सुनील शास्त्री राज्य प्रभारी भारत स्वाभिमान ने किया। पतंजलि परिवार से पतंजलि किसान सेवा समिति के राज्य प्रभारी दयाशंकर आर्य, राज्य कार्यकारिणी सदस्य रविकर, राज्य संवाद प्रभारी जेसी चतुर्वेदी, यशोधन, शिवनन्दन, राकेश कुमार शर्मा, नरेन्द्र सिकरवार, विजेन्द्र वालियान, संजीव समेत मंडल के करीब 300 से अधिक विद्यालयों ने सहभागिता की।










