दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक के मंत्री के दावों के बाद सियासत गर्मा गई है। गुरुवार को कर्नाटक के लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली ने बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा कि राज्य के एक वरिष्ठ मंत्री को फंसाने के लिए दो बार हनीट्रैप की कोशिश की गई, लेकिन महिला नाकाम रही। कर्नाटक में पहले भी हनीट्रैप के मामले सामने आ चुके हैं। सतीश जारकीहोली ने दावा किया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के करीबी माने जाने वाले केएन राजन्ना को दो बार निशाना बनाया गया था। कर्नाटक के गृह मंत्रालय ने मामले में उच्च स्तरीय जांच शुरू की है। सतीश ने दावा किया कि पिछले 20 साल में 48 विधायकों को हनीट्रैप के मामले में प्रताड़ित किया गया है।
सीएम के करीबी हैं राजन्ना
केएन राजन्ना को सीएम का करीबी माना जाता है। उनका पूरा नाम क्याथासंद्र एन राजन्ना है, जिनका जन्म 13 अप्रैल 1951 को हुआ था। वे सिद्धारमैया सरकार में सहकारिता मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। राजन्ना प्रदेश की मधुगिरी विधानसभा सीट से विधायक हैं। वे भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ के निदेशक और कर्नाटक राज्य सहकारी एपेक्स बैंक लिमिटेड के अध्यक्ष के तौर पर भी काम कर चुके हैं।
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गुरुवार को विधानसभा में कर्नाटक के मंत्री केन राजन्ना ने दावा किया कि तुमकुरु के एक मंत्री को भी हनीट्रैप का शिकार बनाया गया है। इस इलाके से हम 2 ही लोग हैं, एक मैं हूं और दूसरे गृह मंत्री हैं। उन्होंने भी दावा किया कि पिछले 20 साल में 48 विधायकों को हनीट्रैप के मामले में फंसाया जा चुका है। दावे के बाद गृह मंत्री जी परमेश्वर ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
Bengaluru: On the allegations of honey trap attempt, Karnataka minister KN Rajanna says “In the Legislative Assembly, BJP MLA Basanagouda Patil Yatnal brought up the matter. When my name was mentioned, I clarified the facts. People’s character assassination has been done through… pic.twitter.com/VFbVtDYViG
— ANI (@ANI) March 20, 2025
पंचायत अध्यक्ष से मंत्री का सफर
राजन्ना कांग्रेस की क्यातसांद्रा तालुक इकाई के सचिव भी रह चुके हैं। 1980 और 1984 के बीच तुमकुर जिला इकाई के कांग्रेस के युवा विंग के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। 1976 में उन्होंने नगर पंचायत क्यातसांद्रा के अध्यक्ष पद का चुनाव जीता था, जिसके बाद राजनीति में आए।
राजन्ना 1998 में कर्नाटक विधान परिषद के लिए चुने गए और 2004 तक छह साल का कार्यकाल पूरा किया।
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इसके बाद 2004 में उन्होंने बेल्लावी से विधानसभा चुनाव का टिकट मांगा था, नहीं मिलने पर कांग्रेस छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने जनता दल (JDS) का दामन थाम लिया। 2013 में पहली बार विधानसभा चुनाव मधुगिरी से जीता। मई 2023 में उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया था।