Prakash Javadekar: केरल में 2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा अपनी एकमात्र सीट नेमोम भी नहीं बचा पाई थी। हाईप्रोफाइल कैंडिडेट ई. श्रीधरन चुनाव हार गए थे। लेकिन, अब नए सिरे से भाजपा यहां अपनी जड़ें जमाने के लिए जुटी हुई है। पूर्व मानव संसाधान विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर हर महीने केरल में 10 दिन बिताते हैं। वे केरल के प्रभारी हैं। उन्हें बीजेपी ने स्पेशल मिशन दिया है। मिशन के तहत जावड़ेकर केरल में यह साबित करने में जुटे हैं कि ईसाई और मुस्लिम भाजपा के लिए ‘अछूत’ नहीं है।
प्रकाश जावडे़कर ने केरल में ईसाईयों के साथ नए समीकरण, बीजेपी की प्लानिंग और 2024 लोकसभा चुनाव की अहमियत पर खुलकर बात की। एक रिपोर्ट…
केरल एलडीएफ और यूडीएफ से बेहतर का हकदार
प्रभारी बने सात महीने हो चुके हैं? आपकी क्या धारणा है? इस सवाल पर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि केरल एलडीएफ और यूडीएफ से बेहतर का हकदार है। राज्य में कोई विकास नहीं हुआ है। युवा नौकरी की तलाश में दूसरे राज्यों और विदेशों में जा रहे हैं। इसमें बदलाव की सख्त जरूरत है और यह 2024 में होगा।
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2019 के लोकसभा चुनाव में यूडीएफ के 19 सीटें जीतने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री जावडे़कर ने कहा कि यूडीएफ को दो कारणों से इतनी सीटें मिली थीं। पहला यह कि सबरीमाला मुद्दे को लेकर लोग कम्युनिस्टों से नाराज थे। दूसरा ये कि लोगों ने सोचा राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनेंगे। 2019 के बाद लोगों को एहसास हुआ कि मोदी ही बेहतर विकल्प हैं। ऐसे में 2024 में नजारा बिल्कुल अलग होने वाला है। केरल में किसी से भी पूछो, वह कहेगा कि मोदी वापस आ रहे हैं। रिजल्ट के लेकर पूरा देश आश्वस्त है। केरल भी अपना वोटिंग पैटर्न बदलेगा। बीजेपी को चुनावों में करीब 15 फीसदी वोट मिलते रहे हैं। हमें इसे बढ़ाकर 25% करने की जरूरत है।
केरल में पीएम मोदी को 40 फीसदी लोग करते हैं पसंद
15 से 25 फीसदी वोट शेयर कैसे पाएंगे? इस सवाल पर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि हमने सर्वे कराए हैं। कई रिपोर्ट्स भी हैं। पीएम मोदी की यहां स्वीकार्यता 40 फीसदी है। मोदी किसी राज्य के साथ भेदभाव नहीं करते हैं। अब हमारा काम मोदी की स्वीकार्यता को बीजेपी की स्वीकार्यता में बदलना है।
केरल में बीजेपी की कोई पैठ नहीं है? इस सवाल पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हर राज्य अलग हैं। जहां तमाम तरह के अवसर और चुनौतियां होती हैं। केरल में भाजपा की लंबी छलांग लगाने का अद्भुत अवसर है। लेकिन बाधाएं भी तो हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि केरल में लंबे समय से केवल द्विध्रुवीय राजनीति रही है। दोनों मोर्चों के पास एक मजबूत संगठनात्मक ढांचा और एक समर्थन आधार है। हम उन्हें कम नहीं आंकते। लेकिन, अब मोदी के सुशासन के कारण अवसर हैं।
ईद पर हम मुस्लिमों के घर जाएंगे
केरल में दो शक्तिशाली अल्पसंख्यक समुदाय भी हैं। क्या आपको लगता है कि वे बीजेपी को रोक रहे हैं? इस सवाल के जवाब में जावड़ेकर ने कहा- हमारे कार्यकर्ताओं ने 1.50 लाख ईसाई घरों का दौरा किया और हर जगह उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। ईद के मौके पर हम अपने मुस्लिम भाइयों को बधाई देने उनके घर जाएंगे। न तो भाजपा और न ही पीएम मोदी समुदायों के बीच भेदभाव करते हैं। सभी भारतीय एक हैं और सभी समान हैं।
हम वोट नहीं दिलों के जीतने के लिए काम कर रहे
भाजपा के पास केरल के लिए एक स्पेशल प्लान है? जवाब में प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि हम ऐसा सिर्फ वोट के लिए नहीं, बल्कि दिलों को जीतने के लिए कर रहे हैं। यह सिर्फ केरल में नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए है। यहां अल्पसंख्यकों की संख्या बहुत अधिक है, इसलिए यह नोटिस किया जाता है। हम हमेशा ‘देश पहले’ वाली पार्टी हैं। विकास ही एकमात्र एजेंडा है। साथ ही सबको साथ लेकर चलना ही हमारा मकसद है। अगली मई में केरल में इसका असर भी देखने को मिलेगा।
एलडीएफ और यूडीएफ एक सिक्के के दो पहलू
केरल में बीजेपी का नंबर वन दुश्मन कौन? इस सवाल के जवाब में प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि एलडीएफ और यूडीएफ एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। दोनों केरल को वह देने में नाकाम रहे हैं, जिसका वो हकदार है। साथ ही, हम शत्रु शब्द का प्रयोग नहीं करते हैं। हम राजनीतिक विरोधी शब्द पसंद करते हैं। हम 2024 के लोकसभा चुनाव में कम से कम 5 सीटें जीतेंगे और हम 2026 में विधानसभा चुनाव भी जीतेंगे। यह मेरा अतिविश्वास नहीं है।
ईसाईयों और मुस्लिमों की बदली अवधारणा
केरल में 28 फीसदी मुस्लिम हैं, ये कभी मोदी को वोट नहीं देंगे? इसके जवाब में प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि यह सिर्फ एक गलत धारणा है, जिसे एलडीएफ और यूडीएफ ने बनाया है। ईसाइयों और मुसलमानों सहित लोगों को यह एहसास हो गया है कि मोदी उनके लिए क्या कर रहे हैं। वह केरलवासियों को लाभ दे रहे हैं। हम एक भारत, श्रेष्ठ भारत बनाना चाहते हैं।
पूर्वोत्तर में पहले हम कहीं नहीं थे, मगर अब…
जावड़ेकर ने कहा कि पूर्वोत्तर में हम कहीं नहीं थे। मैं 2012 और 2017 में मणिपुर का प्रभारी था। हमारे पास था 2012 में केवल 3% वोट शेयर। हमें 2017 में 33% वोट मिले और हम सत्ता में आए। 2022 में हम फिर सत्ता में आए। केरल में हम कम से कम 15% हैं। पूर्वोत्तर फल-फूल रहा है। इसलिए लोगों ने हम पर भरोसा किया। हमने इसे कड़ी मेहनत से हासिल किया है। हमने उनका विश्वास नौटंकी या नफरत फैलाने या झूठे प्रचार से नहीं जीता।
कांग्रेस और सीपीएम ने मिलकर किया भ्रष्टाचार
जावड़ेकर ने कहा कि केरल में कांग्रेस और सीपीएम ने साथ मिलकर भ्रष्टाचार किया है। ब्रह्मपुरम भ्रष्टाचार में भी कांग्रेस और सीपीएम नेताओं के बेटों और दामादों की मिलीभगत है। लोग इस बात को समझ चुके हैं। वे दोनों को अस्वीकार कर देंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री 24 अप्रैल को केरल आ रहे हैं।
कांग्रेस ने भी कई कंटेंट किताबों से हटाए
एनसीईआरटी की किताबों से मुगलों का इतिहास मिटाए जाने के सवाल पर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मैं एक बार मानव संसाधन विकास मंत्री था। हमने 2017 में एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों में 200 बदलाव किए। शिवाजी महाराज की कोई तस्वीर नहीं थी। साथ ही पाइका विद्रोह का भी कोई जिक्र नहीं था। हमने वह सब जोड़ा। इतिहास को हमारे देश की संस्कृति और परंपरा पर गर्व करना चाहिए। हर देश ऐसा कर रहा है।
रही बात कुछ कंटेंट हटाने की तो यह मूल रूप से एक शिक्षाविद् का काम है। वे समय की आवश्यकता के अनुसार निर्णय लेते हैं। कांग्रेस भी ऐसा ही करती थी। इसमें कोई राजनीति नहीं है।
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राहुल गांधी अमेठी जैसा ही करेंगे वायनाड का नेतृत्व
राहुल गांधी के वायनाड का प्रतिनिधित्व करने के बयान पर जावड़ेकर ने कहा- जैसा कि उन्होंने अमेठी का प्रतिनिधित्व किया, आप अमेठी जाइए और देखिए कि उन्होंने अमेठी के लिए क्या किया है। उन्होंने इसे जन्मसिद्ध अधिकार के रूप में लिया और निर्वाचन क्षेत्र के लिए कुछ नहीं किया।
बीजेपी और सीपीएम के बीच गठबंधन है, कांग्रेस के इस आरोप पर प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस और सीपीएम सहयोगी हैं। वे भ्रष्टाचार और चुनाव में एक साथ हैं।
कंटेंट सोर्स: द न्यू इंडियन एक्सप्रेस
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