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कर्पूरी ठाकुर कौन थे, जिन्हें मिलेगा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘भारत रत्न’

Who Was Karpoori Thakur In Hindi: बिहार के समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित करने का ऐलान किया गया है। भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है।

कर्पूरी ठाकुर को मिला भारत रत्न
Who Was Karpoori Thakur In Hindi: बिहार के समाजवादी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत 'भारत रत्न' पुरस्कार से सम्मानित करने का ऐलान किया गया है। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई। 'भारत रत्न' देश का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर ने कहा कि हमें 36 साल की तपस्या का फल मिला है। हम अपने परिवार की तरफ से केंद्र सरकार को धन्यवाद देना चाहते हैं। जनता दल (यूनाइटेड) ने भी सरकार का आभार जताया है। प्रधानमंत्री मोदी ने जताई खुशी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'एक्स' पर अपने एक पोस्ट में कहा कि मुझे खुशी है कि भारत सरकार ने सामाजिक न्याय के प्रतीक महान जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करने का फैसला किया है और वह भी ऐसे समय में, जब हम उनकी जन्मशती मना रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछड़ों और वंचितों के उत्थान के लिए कर्पूरी जी की अटूट प्रतिबद्धता और दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत के सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य पर अमिट छाप छोड़ी है। जेडीयू ने की थी मांग बता दें कि जद(यू) ने 22 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर को 'भारत रत्न' से सम्मानित करने की मांग की थी। पार्टी के प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा था कि उन्होंने समाज के लिए बहुत से कार्य किए हैं। इसीलिए उन्हें जननायक कहते हैं। उनका पूरा जीवन समाज के विकास को समर्पित रहा। कौन थे कर्पूरी ठाकुर? कर्पूरी ठाकुर का जन्म 24 जनवरी 1924 को समस्तीपुर के पितौंझिया  में हुआ था। अब यह गांव कर्पूरीग्राम के नाम से जाना जाता है। लोग प्यार से लोग जननायक कहकर पुकारते हैं। उनका निधन 17  फरवरी 1988 को हुआ। वे 1952 से लगातार विधायक रहे। उन्हें केवल 1984 के लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। यह भी पढ़ें: Ram Mandir और रामलला को नया नाम मिला, पूजा-आरती की पद्धति-विधि भी बदली दो बार बने बिहार के मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर दो बार मुख्यमंत्री और एक बार उप मुख्यमंत्री रहे। इसके साथ ही वे दशकों तक विधायक और विरोधी दल के नेता रहे। वे 31 साल की उम्र में समस्तीपुर के ताजपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए। उन्होंने समाजवादी आंदोलन को धार दी। इसे जमीन पर उतारा। वे महात्मा गांधी के आंदोलन में भी शामिल हुए थे, जिसकी वजह से उन्हें जेल भी जाना पड़ा। यह भी पढ़ें: रामलला के दर्शन के लिए उमड़ा भक्तों का सैलाब, अयोध्या में सभी VIP मूवमेंट कैंसिल; नड्डा का दौरा भी स्थगित


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