‘Jai Shri Ram’ slogans in Karnataka mosque: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कर्नाटक सरकार से मस्जिद में ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाने के मामले में जवाब तलब किया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक हाई कोर्ट के 13 सितंबर 2024 के एक आदेश को चुनौती दी गई है। इस आदेश में दो आरोपियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द कर दिया गया था। दोनों पर मस्जिद में घुसकर धार्मिक नारे लगाने का आरोप था।
मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पंकज मिथल और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच सवाल उठाते हुए कहा कि क्या ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाना अपराध है? ये अपराध कैसे हो सकता है? बता दें सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका हैदर अली सी.एम. ने दायर की थी। याचिका में हाई कोर्ट के आदेश को रद्द करने और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश देने का आग्रह किया गया था।
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STORY | ‘Jai Shri Ram’ slogan inside mosque: How shouting particular religious phrase an offence? SC asks
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— Press Trust of India (@PTI_News) December 16, 2024
पुलिस ने कैसे की आरोपियों की पहचान? कोर्ट में उठा सवाल?
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा की इस केस में कथित आरोपी एक खास धार्मिक नारा या नाम चिल्ला रहे थे। यह किस संविधान के तहत क्राइम है? बेंच ने पूछा कि जिन लोगों ने मस्जिद के अंदर जाकर नारे लगाए, उन्हें पुलिस ने कैसे पहचाना? आप कह रहे हैं कि दो लोग सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे हैं। क्या उन लोगों की पहचान की गई है, जिन्होंने मस्जिद में प्रवेश किया?
कर्नाटक पुलिस ने इन धाराओं में दर्ज की थी FIR
कर्नाटक पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 503 (आपराधिक धमकी) और धारा 447 (अवैध प्रवेश) के तहत दर्ज किया था। हाई कोर्ट ने ये एफआई रद्द कर दी थी। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि आरोपों में अपराध का कोई तत्व नहीं हैं, इसलिए उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही करना कानून का दुरुपयोग और न्याय के साथ अन्याय होगा।
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