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Jharkhand: हेमंत सोरेन ने राज्यपाल से की मुलाकात, पत्र में लिखा- मुझे विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराने की साजिश

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की। बैठक में उन्होंने राज्यपाल से चुनाव आयोग की राय (उनके खिलाफ लाभ के पद के मामले में) की एक प्रति की मांग करते हुए पत्र उन्हें सौंपा है। जानकारी के मुताबिक उन्होंने अपने पत्र में लिखा- फरवरी, 2022 से ही […]

सीएम हेमंत सोरेन ने भाजपा पर साधा निशाना।
रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की। बैठक में उन्होंने राज्यपाल से चुनाव आयोग की राय (उनके खिलाफ लाभ के पद के मामले में) की एक प्रति की मांग करते हुए पत्र उन्हें सौंपा है। जानकारी के मुताबिक उन्होंने अपने पत्र में लिखा- फरवरी, 2022 से ही भारतीय जनता पार्टी द्वारा यह भूमिका रची जा रही है कि मेरे द्वारा खनन पट्टा लिये जाने के आधार पर मुझे विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहरा दिया जायेगा। अभी पढ़ें किफायती कार खरीदने वाले ग्राहकों की भी सुरक्षा जरूरी, वाहन निर्माता करें विचार: नितिन गडकरी     पत्र में उन्होंने कहा कि इस संबंध में भाजपा द्वारा भवदीय के समक्ष एक शिकायत भी दर्ज की गई थी। यद्यपि संबंधित विषय के संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय atar Singh Shadana versus Hari Singh Nalwa (2002) 4 SCC 661 CV. K. Rao versus Dantu Bhaskara Rao AIR 1965 SC 93 आधिकारिक एवं बाध्यकारी न्याय निर्णयों द्वारा पूर्णतः आच्छादित किया गया है, जिसमें यह पूर्ण एवं स्पष्टतः व्यवस्था दी गई है कि खनन पट्टा लिये जाने से जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 9A के प्रावधान के अंतर्गत अयोग्यता उत्पन्न नहीं होती है। इस विषय में तथ्य गठन हेतु संविधान के अनुच्छेद 192 के अन्तर्गत भवदीय के फरे के अनुसरण में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सुनवाई भी आयोजित की गई। अभी पढ़ें Lucknow News: लखनऊ में भारी बारिश के कारण गिरी दीवार, नौ लोगों की मौत, 2 घायल आगे पत्र में लिखा गया है कि भवदीय (राज्यपाल) के कार्यालय के कथित श्रोत एवं भारतीय जनता पार्टी की तरफसे विगत 25 अगस्त से प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक पौडिया में यह व्यापक रूप से परिचालित किया जा रहा है कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा यह विधानसभा की सदस्यता रद्द करने को कहा है। अतः भवदीय से अनुरोध है कि निर्वाचन आयोग के इस आदेश की प्रति उपलब्ध करायी जाये एवं यथाशीघ्र युक्तियुक्त सुनवाई का अवसर प्रदान किया जाये, ताकि स्वस्थ्य लोकतंत्र के लिए घातक अनिश्चितता का वातावरण शीघ्र दूर हो सके एवं झारखंड राज्य उन्नति, प्रगति एवं विकास के मार्ग पर आगे बढ़ सके। अभी पढ़ें –  देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें Click Here - News 24 APP अभी download करें


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