Jammu Kashmir Suicide News: (आसिफ सुहाफ) अभी तक जम्मू कश्मीर में बुरी खबर के नाम पर जवानों की शाहदत और आतंकी मुठभेड़ जैसी चीजें सामने आ रही थीं। मगर अब घाटी की तस्वीर बदलने लगी है। बुरी खबरों की लिस्ट में सुसाइड भी आम हो गई है। जी हां, बड़ी संख्या में कश्मीरी नदी में छलांक मार कर मौत को गले लगा रहे हैं। ये आंकड़ा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। पिछले महीने यानी सिर्फ जुलाई में ऐसी 40 से भी ज्यादा घटनाएं सामने आईं हैं।
43 लोगों ने लगाई नदी में छलांग
रिपोर्ट्स की मानें तो जुलाई में 43 लोगों ने नदी में छलांग लगाई है। इसमें एक दर्जन से ज्यादा लोगों के सुसाइड की पुष्टी की जा चुकी है। झेलम नदी में छलांग लगाते हुए एक महिला का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इससे पता चलता है कि घाटी के लोग तेजी से अवसाद का शिकार हो रहे हैं।
Surge in Suicide Cases Alarms Kashmir Valley: Experts Call for Urgent Action#JammuKashmir pic.twitter.com/kdmwpBIWS8
— Sakshi (@sakkshiofficial) August 3, 2024
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चौंका देंगे NCRB के आंकड़े
SDRF अधिकारियों की मानें तो पिछले महीने 43 लोग नदी में कूदे और इसमें एक दर्जन से ज्यादा सुसाइड अटेम्प्ट शामिल थे। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़े भी इसी तरफ इशारा करते हैं। NCRB के अनुसार 2022 में हुई सुसाइड के 30 प्रतिशत केस सिर्फ जम्मू कश्मीर से सामने आए हैं। श्रीनगर के IMHANS अस्पताल के साइकेट्रिस्ट डॉक्टर यासिर अहमद ने बताया कि 90 प्रतिशत आत्महत्याओं के पीछे का कारण मानसिक स्वास्थ्य ही है।
क्या है वजह?
डॉक्टर यासिर का कहना है कि जम्मू कश्मीर में कई लोग डिप्रेशन का शिकार हैं। इसकी अलग-अलग वजहें हैं। आर्थिक परेशानी से लेकर तनाव, रिश्तों का टूटना, पढ़ाई का प्रेशर और घरेलू हिंसा के कारण लोग तेजी से डिप्रेशन की चपेट में आ रहे हैं। हालांकि इसे पहचानना ज्यादा मुश्किल नहीं है। ऐसे लोग अचानक सोशल मीडिया से दूरी बना लेते हैं। साथ ही उनका ऑनलाइन बर्ताव भी बदलने लगता है।
Surge in Suicide Cases Alarms Kashmir Valley: Experts Call for Urgent Action@news24tvchannel Journalist Aasif Suhaf Exclusive Report#JammuKashmir pic.twitter.com/eImvE0kLqK
— Sakshi (@sakkshiofficial) August 3, 2024
मीडिया कवरेज से मिलेगी मदद
डॉक्टर यासिर के अनुसार मीडिया कवरेज की मदद से इस पर रोक लगाई जा सकती है। जब मीडिया ऐसी चीजों को कवर करती है या पीड़ित के परिजनों से बात करती है, तो आत्महत्या का विचार कर रहे लोग भी उस खबर में दिलचस्पी दिखाते हैं। ऐसे में परिजनों का दर्द देखकर शायद उनका मन बदल जाए और वो सुसाइड का ख्याल अपने दिमाग से निकाल दें।
सरकार ने शुरू की फेंसिंग
गौरतलब है कि नदी में कूदकर आत्महत्या की बढ़ती कवायद को रोकने के लिए जम्मू कश्मीर सरकार ने नदियों पर बने पुलों के आसपास फेंसिंग शुरू कर दी है। हालांकि इतना काफी नहीं है। घाटी में सुसाइड रोकने के लिए सरकार को काउंसलिंग कैंप लगाने चाहिए। इससे बड़े पैमाने पर सुसाइड में गिरावट देखने को मिल सकती है।
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