Jammu Kashmir Assembly Election 2024 Latest Update: लोकसभा चुनाव खत्म होने के बावजूद जम्मू कश्मीर में सियासी हलचल थमने का नाम नहीं ले रही है। केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए उपराज्यपाल की शक्तियों में इजाफा कर दिया। जिसके बाद विपक्ष भी सरकार पर मुखर हो गया है। विपक्ष का कहना है कि जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव से पहले बनने वाली नव निर्वाचित सरकार की शक्तियां छीनी जा रही हैं। यही नहीं, सियासी गलियारों में सुगबुगाहटें तेज होने लगी हैं कि शायद सरकार जम्मू कश्मीर में चुनाव को टालने की कोशिश कर रही है। तो आइए समझते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है?
केंद्र सरकार का बड़ा कदम
गृह मंत्रालय ने जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 की धारा 55 के नियमों में संशोधन किया है। इसके अनुसार पुलिस, लोक व्यवस्था, अखिल भारतीय सेवा और भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो से जुड़े मामले उपराज्यपाल के अधिकार क्षेत्र में आएंगे। पहले ये मामले राज्य सरकार के वित्त मंत्रालय से होते हुए उपराज्यपाल की टेबल पर पहुंचते थे। मगर अब वित्त मंत्रालय का हस्तक्षेप खत्म हो गया है।
विपक्ष ने लगाए आरोप
केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद विपक्ष भी हमलावर हो गया है। विपक्ष का आरोप है कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार ऐसे कदम उठा रही है। जिससे चुनाव में जीतने वाली सरकार के पास ज्यादा पावर नहीं रहेगी। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए लिखा इस अधिसूचना का एकमात्र अर्थ यही निकाला जा सकता है कि जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने की संभावना नहीं दिख रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 30 सितंबर 2024 तक कराने का आदेश दिया था।
---विज्ञापन---स्व-घोषित नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री ने कहा था कि पुनर्गठित जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा, जिसे अगस्त 2019 में केंद्र शासित प्रदेश में बदला गया था। उनकी यह बात रिकॉर्ड… pic.twitter.com/pwPWJ5bXRg
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 13, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था फैसला
दरअसल 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 को रिमूव कर दिया था। जब ये मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा तो अदालत ने केंद्र के फैसले को सही ठहराते हुए 30 सितंबर 2024 तक चुनाव कराने का आदेश दिया था। एक महीने पहले ही जम्मू कश्मीर में लोकसभा चुनाव के दौरान सबसे ज्यादा मतदान प्रतिशत देखने को मिला था। पहली बार राज्य में 35 प्रतिशत लोगों ने चुनाव में हिस्सा लिया। ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि आगामी विधानसभा चुनाव में भी लोग बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेंगे।
आतंकी गतिविधियां हुई तेज
लोकसभा चुनाव में बंपर मतदान होने के बाद जम्मू कश्मीर में आतंकी गतिविधियां तेज हो गई हैं। खासकर अमरनाथ यात्रा की शुरुआत से आतंकी भी एक्टिव हो गए हैं। जम्मू कश्मीर में अशांति फैलाने की सजिश सरहद पार पाकिस्तान में भी चल रही है। अमरनाथ यात्रा की आड़ में आतंकी फिर से राज्य में दहशत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में सालों बाद विधानसभा चुनाव करवाना सरकार के लिए आसान नहीं होगा।
#WATCH | Jammu & Kashmir | Minister of State for Home Affairs, Nityanand Rai met the residents of Srinagar living near the LoC. (14-07) pic.twitter.com/b3FBDxIxIb
— ANI (@ANI) July 14, 2024
चुनाव पर क्यों बना सस्पेंस?
राजनीतिक जानकारों की मानें तो जम्मू कश्मीर में चुनाव करवाने का ये सही समय नहीं है। आतंक के साए में मतदान जनता के लिए भी जानलेवा साबित हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए मुमकिन है कि सरकार पंचायत और नगर निगम के चुनाव करवा दे। इसकी एक वजह ये भी है कि केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव करवाने का कोई संकेत नहीं दिया है। श्रीनगर में हुई बीजेपी की बैठक में भी अन्य राज्यों के चुनाव पर चर्चा की गई। वहीं संसद में भाषण के दौरान पीएम मोदी ने सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव का जिक्र किया। मगर इस लिस्ट में जम्मू कश्मीर का नाम शामिल नहीं था।
जल्द हो सकता है बड़ा ऐलान
अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होंगे या नहीं। मुमकिन है कि 19 जुलाई को अमरनाथ यात्रा खत्म होने के बाद सरकार जम्मू कश्मीर के चुनाव पर कोई बड़ा ऐलान कर सकती है।
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