ISRO SSLV Launch: भारत के लिए आज का दिन ऐतिहासिक रहने वाला है। आज नए रॉकेट SSLV की लॉन्चिंग होनी है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आज अपने सबसे छोटे वाणिज्यिक रॉकेट एसएसएलवी को दो उपग्रहों की कक्षा में स्थापित करने के लिए लॉन्च करेगा।
यह सैटेलाइट नई तकनीक से लैस है जो कि फॉरेस्ट्री, एग्रीकल्चर, जियोलॉजी और हाइड्रोलॉजी जैसे क्षेत्र में काम करेगा, लेकिन उससे महत्वपूर्ण है। ये लॉन्च व्हीकल, पीएसएलवी से छोटा तो है ही साथ ही इसे डिजाइन भी इस तरह किया गया है कि भविष्य में बढ़ते स्माल सैटेलाइट मार्केट और लॉन्चस को देखते हुए, यह कारगर साबित होगा।
इसरो का लक्ष्य अंतरिक्ष में सस्ती राइड्स की पेशकश करना और बढ़ते छोटे उपग्रह प्रक्षेपण बाजार में अपनी हिस्सेदारी को मजबूत करने की कोशिश करना है। 34 मीटर छोटा सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) इसरो के वारहार्स राकेट पोलर सैटेलाइट लान्च व्हीकल (PSLV) से 10 मीटर छोटा है और 500 किलोग्राम तक के पेलोड को 500 किमी प्लानर आर्बिट में डाल सकता है।
इससे पावरफुल पीएसएलवी छोटे सैटेलाइट्स के लोड से मुक्त हो जायेगा क्योंकि वह सारा काम अब एसएसएलवी करेगा। ऐसे में पीएसएलवी को बड़े मिशन के लिए तैयार किया जाएगा। यह SSLV छोटे सैटेलाइट को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करने में सक्षम होगा।