पवन मिश्रा
Indian Army reached America : 6 सोर आर्म्स से लैस हमारे देश के शूरवीर, L.M.G से दागते गोली हमारे शूरवीर, जी हां ये नजारा है अमेरिका के अलास्का के फोर्ट वेनराइट का, जहां इंडियन आर्मी के 350 सैनिक एक बड़े युद्धाभ्यास के लिए पहुंचे हैं, इस अभ्यास का एकमात्र मकसद दोनों देश को एक साथ मिलकर चीन के बढ़ते कदम को रोकने का है।
1962 वाली भूल न करे चीन
आपको बता दें कि साल 2022 में उत्तराखंड के औली में जब अमेरिकी सेना पहुंची थी, तो ड्रैगन यानी चीन ने कड़ा विरोध करना शुरू कर दिया था क्योंकि चीनी सीमा से महज 90 किलोमीटर की दूरी पर अमेरिका और भारत के सैनिक मॉन्टेन अभ्यास करते हुए देखे गए थे और यही अभ्यास चीन को खटक रहा था, लेकिन चीन यह भूल जाता है कि चाइना का माल सिर्फ 40 दिनों तक ही चल सकता है इसलिए ड्रैगन को हमारी सेना समय-समय पर यह बताने की कोशिश करती है कि हमारे देश को 1962 वाला भारत समझने की भूल मत कर लेना, हम उभरता हुआ भारत हैं, हम मेक इन इंडिया वाले भारत हैं और इसी का एहसास दिलाने के लिए इंडियन आर्मी अमेरिका के अलास्का पहुंची है।
2 अक्टूबर यानी गांधी जयंती के दिन भारतीय सेना के शूरवीर अपनी ताकत का मुजाहिरा अमरीका की धरती पर करेंगे। अगर युद्ध की शुरुवात एक बार हो जाती है तो यह तय नहीं होता है कि वो कब खत्म होगा, जैसा कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे महायुद्ध में देखा गया है, रूस और यूक्रेन की लड़ाई में सबसे ज्यादा इस्तेमाल अर्टिलिटी गन का किया गया है।
मराठा लाइट इन्फैंटरी रेजिमेंट लेगी भाग
एक आंकड़े के मुताबिक सबसे ज्यादा नुकसान भी आर्टली गन ही पहुंचा रही है, इसी को ध्यान में रखते हुए भारत और अमेरिकी सेना युद्धाभ्यास कर रही हैं, इस युद्धाभ्यास में खास फोकस मेडिकल इमरजेंसी को भी दिया जाएगा। घायल सैनिकों को तत्काल मेडिकल सुविधा कैसे दी जाए और कम से कम केजूलटी में दुश्मनों के बंकर को कैसे तबाह किया जाए, इस पर सबसे ज्यादा फोकस रहेगा। इस घातक युद्धाभ्यास में भारत की तरफ से मेन बटालियन मराठा लाइट इन्फैंटरी रेजिमेंट शामिल हुई है, अमेरिका की तरफ से पहली ब्रिगेड लड़ाकू टीम की 1-24 इन्फैंटरी बटालियन भाग लेने वाली है।