Air defense system SAMAR tested Successfully: भारतीय वायु सेना ने आज यानी 17 दिसंबर को SAMAR वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण करके अपनी स्वदेशी नवाचार क्षमताओं को आगे बढ़ाते हुए एक बड़ी सफलता हासिल की है। IAF ने अपने पुराने रूसी मूल के हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों का उपयोग करके SAMAR वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली को विकसित किया है।
Indian Air Force successfully testfires 'SAMAR' air defence missile system at Exercise Astrashakti
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— ANI Digital (@ani_digital) December 17, 2023
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इसे लेकर भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने एएनआई को बताया कि भारतीय वायु सेना ने हाल ही में वायु सेना स्टेशन सूर्यलंका में आयोजित अभ्यास अस्त्रशक्ति-2023 के दौरान अपने इन-हाउस डिजाइन और विकसित SAMAR वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली का सफल फायरिंग परीक्षण किया है। SAMAR (सतह से- सुनिश्चित प्रतिशोध के लिए वायु मिसाइल) को वायु रक्षा प्रणाली IAF के रखरखाव कमान के तहत एक युनिट द्वारा विकसित किया गया है।
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अभ्यास के दौरान एसएएमएआर प्रणाली की प्रारंभिक भागीदारी का उद्देश्य सतह से हवा में मार करने वाले हथियारों को मान्य करना और परिचालन क्षेत्र परीक्षण करना था। रिपोर्टों के मुताबिक, मिसाइल प्रणाली ने अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करते हुए अलग-अलग परिदृश्यों में उद्देश्यों को कुशलतापूर्वक पूरा किया है।
हवाई खतरों से निपटने की क्षमता
यह प्रणाली 2 से 2.5 मैक की गति सीमा पर चलने वाली मिसाइलों के साथ हवाई खतरों से प्रभावी ढंग से निपटने की क्षमता रखती है। ट्विन-बुर्ज लॉन्च प्लेटफॉर्म से युक्त, यह प्रणाली अलग-अलग खतरे के परिदृश्यों के अनुकूल, एक ही या सैल्वो मोड में दो मिसाइलों को लॉन्च करने में सक्षम है।
मेक इन इंडिया पर फोकस
वहीं, भारतीय वायु सेना आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के निर्देशों के अनुरूप काम कर रही है। इस दौरान रखरखाव कमान ने लड़ाकू विमानों, परिवहन विमानों, हेलीकॉप्टरों और जमीन-आधारित हथियार प्रणालियों में उपयोग किए जाने वाले कई पुर्जों और उपकरणों को स्वदेशी बनाने में भी महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। इसके अलावा, बेस रिपेयर डिपो और एचएएल के बीच सहयोगात्मक प्रयासों का उद्देश्य भारतीय वायु सेना के बेड़े में Su-30 और MiG-29 जेट विमानों की सेवाक्षमता को बढ़ाना है।