India Vs Pakistan Army Chief: भारत में सेना के का सबसे बड़ा अधिकारी CDS होता है, जो कि वर्तमान में अनिल चौहान हैं। इनके अंडर में थल, जल और वायुसेना आती हैं। हालांकि पाकिस्तान में ऐसा कोई भी पद नहीं होता है। पाकिस्तान में थल सेना अध्यक्ष ही सेना प्रमुख होता है। भारत के एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह हैं और नौसेना प्रमुख दिनेश कुमार त्रिपाठी हैं। वहीं पाकिस्तान के नौसेना प्रमुख एडमिरल नवेद अशरफ और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ज़हीर अहमद बबर सिद्दू हैं।
भारत में COAS थल सेना का सबसे बड़ा अधिकारी होता है। इनको चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कहा जाता है। ये एक 4-स्टार जनरल होते हैं, जो सेना की प्लानिंग, ऑपरेशन और मैनेजमेंट का जिम्मा संभालते हैं। मई 2025 तक जनरल उपेंद्र द्विवेदी इस पद पर हैं। इनका कार्यकाल 3 साल या 62 साल की उम्र तक होता है। इनमें जो भी पहले हो जाए। इनकी नियुक्ति केंद्र सरकार की कैबिनेट की अप्वाइंटमेंट्स कमेटी (ACC) द्वारा की जाती है, जिसमें प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और गृह मंत्री शामिल होते हैं।
ग्लोबल फायर पावर इंडेक्स 2025 के अनुसारभारतीय सेना दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर सेना है। COAS का काम सेना को तैयार रखना और देश की सिक्योरिटी पॉलिसी में सलाह देना है। भारत में सेना का पॉलिटिकल चीजों में दखल बहुत कम है, और COAS का फोकस सिर्फ सैन्य कामों पर रहता है।
पाकिस्तान में आर्मी चीफ भी 4-स्टार जनरल होते हैं। अभी जनरल आसिम मुनीर इस रोल में हैं। उनका कार्यकाल आमतौर पर 3 साल का होता है, लेकिन हाल के नियमों से इसे 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है। पाकिस्तान में सेना का रोल सिर्फ सैन्य नहीं है, बल्कि पॉलिटिक्स, इकॉनमी और सोसाइटी में भी होता है। आर्मी चीफ का देश की सरकार, फॉरेन पॉलिसी और इंटेलिजेंस में भी रोल होता है। उनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री करता है, लेकिन ये फैसला अक्सर पॉलिटिकल और सैन्य दबाव पर टिका होता है।
कद में होता है ये फर्क
दोनों का रैंक एक जैसी होती है, लेकिन पाकिस्तान में आर्मी चीफ का दखल पॉलिटिक्स और सोसाइटी में ज्यादा होता है। भारत में COAS का रोल सिर्फ सेना तक सीमित होता है।
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कितनी होती है सैलरी और क्या मिलती हैं सुविधाएं?
भारतीय COAS को हर महीने 2,50,000 रुपये (लगभग 3,000 USD) सैलरी मिलती है। ये रकम 7वें वेतन आयोग के हिसाब से दी जाती है। इस सैलरी के अलावा उन्हें कई तरह की सुविधाएं भी मिलती हैं। दिल्ली में उन्हें एक शानदार बंगला दिया जाता है, जहां वे अपने परिवार के साथ रह सकते हैं। उनकी सिक्योरिटी के लिए हाई-लेवल गार्ड्स तैनात रहते हैं। उनके और उनके परिवार के लिए फ्री मेडिकल सुविधाएं होती हैं, जिनमें बड़े हॉस्पिटल्स में इलाज भी शामिल होता है। इसके अलावा, उन्हें सरकारी गाड़ी और ड्राइवर मिलता है, जिससे उनका आना-जाना होता है। रिटायरमेंट के बाद भी उन्हें पेंशन और अन्य दूसरी सुविधाएं मिलती हैं, जो उनकी लाइफ को और बेहतर बनाती हैं।
पाकिस्तानी आर्मी चीफ की सैलरी 2,00,000 से 2,50,000 पाकिस्तानी रुपये (लगभग 60,000-75,000 भारतीय रुपये या 900 USD) हर महीने होती है। ये रकम उनके बेसिक पे स्केल (BPS 21) के आधार पर तय होती है। सैलरी के साथ उन्हें कई खास सुविधाएं भी मिलती हैं। इस्लामाबाद या रावलपिंडी में उन्हें बड़ा और आलीशान बंगला मिलता है। उनकी सिक्योरिटी के लिए खास गार्ड्स और गाड़ियां होती हैं। उनके परिवार को फ्री मेडिकल सुविधाएं मिलती हैं, और उन्हें खास क्लब्स की मेंबरशिप भी दी जाती है। इसके अलावा, पाकिस्तानी सेना के पास रियल एस्टेट, डेयरी और ट्रांसपोर्ट जैसे कई बिजनेस हैं, जिनसे आर्मी चीफ को एक्स्ट्रा इनकम होती है।
सैलरी में कितना है फर्क
भारतीय COAS की सैलरी पाकिस्तानी आर्मी चीफ से काफी ज्यादा है। जहां भारतीय COAS को 2,50,000 रुपये मिलते हैं, वहीं पाकिस्तानी आर्मी चीफ को भारतीय रुपये में 60,000-75,000 रुपये मिलते है, लेकिन पाकिस्तानी आर्मी चीफ की बिजनेस इनकम उनकी सैलरी को कई गुना बढ़ा देती है।
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कितनी है पावर?
भारतीय आर्मी के पास 14.44 लाख सैनिक, 4,500 टैंक, 538 फाइटर जेट और 294 नौसैनिक जहाज हैं। भारत का डिफेंस बजट 73.8 बिलियन USD है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा बजटों में से एक है। COAS इस ताकतवर सेना का लीडर होता है और सिक्योरिटी पॉलिसी में सलाह देता है लेकिन भारत में सेना सिविलियन सरकार के अंडर काम करती है, इसलिए COAS का असर सिर्फ सैन्य कामों तक सीमित होता है। भारत के पास न्यूक्लियर हथियार, सुपरसोनिक मिसाइलें और हाई-टेक टेक्नोलॉजी है, जो उसे रीजनल और ग्लोबल पावर बनाती है।
पाकिस्तानी आर्मी के पास 6,50,000 सैनिक, 3,742 टैंक, 387 फाइटर जेट और 114 नौसैनिक जहाज हैं। उनका डिफेंस बजट 7-8 बिलियन USD है। पाकिस्तान के पास न्यूक्लियर हथियार और बैलिस्टिक मिसाइलें हैं, जो उनकी सैन्य ताकत का अहम हिस्सा हैं लेकिन यहां आर्मी चीफ की ताकत सिर्फ सेना तक नहीं है। वे देश की पॉलिटिक्स, फॉरेन पॉलिसी और इकॉनमी में भी बड़ा रोल प्ले करते हैं। वे इंटेलिजेंस एजेंसी (ISI) और न्यूक्लियर पॉलिसी पर भी कंट्रोल रखते हैं।
कितना है पावर में फर्क?
दोनों देशों के सेना प्रमुखों की पावर की बात की जाए तोभारतीय सेना की ताकत, बजट और रिसोर्सेज पाकिस्तान से कहीं ज्यादा हैं लेकिन पाकिस्तान में आर्मी चीफ का पॉलिटिकल और इकनॉमिक असर भारतीय COAS से ज्यादा है, क्योंकि वहां सेना देश की पावर स्ट्रक्चर में डीपली शामिल है।
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