India US crude oil trade: अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। हालांकि फिलहाल इस पर ट्रंप ने रोक लगाई है। लेकिन दोनों देशों के बीच फिलहाल इस मुद्दे पर सुलह होती नजर नहीं आ रही है। इसके अलावा रूस से कच्चे तेल और हथियार खरीदने को लेकर भी अमेरिका ने जुर्माना लगाया था। इस बीच दोनों देशों के बीच कच्चे तेल की खरीद को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। दुनिया में चल रहे टैरिफ वॉर के बीच भारत ने अमेरिका से ज्यादा कच्चा तेल खरीदा है।
आंकड़ों की मानें तो भारत के कुल कच्चे तेल के आयात में अमेरिका की हिस्सेदारी 3 प्रतिशत से बढ़कर 8 प्रतिशत हो गई है। सिर्फ जुलाई 2025 में ही भारत के तेल आयात में 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भारत ने 2025 के पहले 6 महीनों में अमेरिका से कच्चे तेल के आयात में 51 प्रतिशत की वृद्धि की है। यह वृद्धि अचानक हुई है या नियोजित यह भी काफी हैरान करने वाला है। अप्रैल और जून की तिमाही में तो यह वृद्धि बढ़कर 114 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
रूस तेल पर देता है छूट
भारत ने पिछले 6 महीनों में अमेरिका से प्रतिदिन 2.71 लाख बैरल कच्चा तेल खरीदा है। जबकि इसी अवधि के दौरान 2024 में यह 1.80 लाख बैरल प्रतिदिन था। इतना ही नहीं भारत ने अमेरिका ने एलपीजी और एलएनजी का आयात भी दोगुना कर दिया है। भारत को अमेरिका की बजाय रूस से तेल खरीदना सस्ता पड़ता है क्योंकि रूस तेल पर छूट देता है।
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ट्रंप ने दी अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी
चालू वित्त वर्ष में भारत का एलएनजी आयात लगभग दोगुना होकर 2.46 अरब डॉलर हो गया है। एक ओर ट्रंप लगातार भारत की व्यापारिक नीतियों को लेकर आलोचना कर रहे हैं। तो वहीं दूसरी ओर हमारी ऊर्जा कंपनियां लगातार अमेरिका से कच्चे तेल की खरीद को बढ़ा रही है। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ब्रिक्स देशों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दे चुके हैं।
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