India Delegation: भारत द्वारा एक बड़ी कूटनीतिक पहल की आज से शुरुआत हो रही है। आउटरीच प्रोग्राम के तहत पाकिस्तान में पल रहे आतंकवाद के बारे में दुनियाभर में अब भारत के कुछ चुनिंदा नेता जानकारी देंगे। इसके लिए देश की अलग-अलग पार्टियों के नेताओं को विदेश जाने के लिए चुना गया है। आज से इसकी शुरुआत हो रही है। भारत का यह अभियान कुल 33 देशों में चलाया जाएगा, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत ने अभियान के लिए इन 33 देशों को ही क्यों चुना? जानिए इसके पीछे का कारण क्या है।
डेलिगेशन किन देशों में जाएगा?
भारत ने 7 डेलिगेशन को भेजने के लिए जिन देशों को चुना है, उनमें सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन, अल्जीरिया, इंडोनेशिया, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन, फ्रांस, लाइबेरिया, सियरा लियोन, इजिप्ट, कतर, रिपब्लिक ऑफ कांगो, जर्मनी, इटली, डेनमार्क, कोलंबिया, स्पेन, ग्रीस, रूस, अमेरिका, पनामा, गयाना, ब्राजील, जापान, सिंगापुर, यूएई, इथियोपिया और साउथ अफ्रीका समेत 3 अन्य देशों का नाम और शामिल है।
इन देशों को क्यों चुना?
भारत का उद्देश्य पाकिस्तान को बेनकाब करने के साथ-साथ आतंकवाद के खिलाफ भी वैश्विक सहमति बनाना है। साथ ही अपनी कूटनीतिक स्थिति को और मजबूत करना है। जिन 33 देशों को भारत ने चुना है, उनमें से ज्यादातर UNSC के वर्तमान या भविष्य के सदस्य हैं। इसके अलावा, इस देशों के भारत के आर्थिक, रक्षा और सांस्कृतिक रिश्ते भी अच्छे हैं।
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In moments that matter most, Bharat stands united.
Seven All-Party Delegations will soon visit key partner nations, carrying our shared message of zero-tolerance to terrorism.
A powerful reflection of national unity above politics, beyond differences.@rsprasad @ShashiTharoor… pic.twitter.com/FerHHACaVK— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) May 17, 2025
गुयाना की बात की जाए, तो यहां पर भारतीय समुदाय की महत्वपूर्ण उपस्थिति देखी जा सकती है। इसके अलावा, यह UNSC का अस्थायी सदस्य भी है। यह भी कहा जा सकता है कि इन देशों को चुनने के पीछे इनका वैश्विक और क्षेत्रीय मंचों पर प्रभाव है, जिससे भारत अपनी बात दुनिया तक आसानी से पहुंचा सकता है।
आज रवाना होने वाला डेलिगेशन
अपराजिता सारंगी जेडीयू के संजय कुमार झा के नेतृत्व वाले डेलिगेशन का हिस्सा हैं। यह इंडोनेशिया, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, जापान और सिंगापुर की यात्रा करने वाले हैं। यह आउटरीच प्रोग्राम के लिए आज रवाना होने वाला पहला डेलिगेशन होगा, जो जापान जाएगा।
क्या है आउटरीच प्रोग्राम?
आउटरीच प्रोग्राम ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की बड़ी कूटनीतिक पहल है, जिसमें 7 डेलिगेशन रहेंगे। इनका नेतृत्व कांग्रेस के शशि थरूर, भाजपा के रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, जदयू के संजय कुमार झा, राकांपा की सुप्रिया सुले, शिवसेना के श्रीकांत एकनाथ शिंदे और द्रमुक की कनिमोझी करेंगी।
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