India Reduced Tariff on Bourbon Whiskey: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पारस्परिक टैरिफ (रेसिप्रोकल टैरिफ) लगाने की घोषणा का असर भारत में दिखने लगा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी की मुलाकात से ठीक पहले भारत ने बॉर्बन व्हिस्की पर टैरिफ घटा दिया है। भारत ने बॉर्बन व्हिस्की पर टैरिफ को 150 फीसदी से घटाकर 100 फीसदी कर दिया है, जिससे Jim Beam जैसे अमेरिकी ब्रांड को फायदा होगा।
ट्रंप की आलोचना के बीच भारत ने उठाया कदम
भारत ने यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अमेरिकी सामानों, विशेष कर शराब क्षेत्र पर भारत के अनुचित टैरिफ की आलोचना के एक दिन बाद उठाया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार भारत द्वारा अधिक टैरिफ लगाने का आलोचना की थी। बॉर्बन व्हिस्की पर कस्टम ड्यूटी में कटौती का नोटिफिकेशन 13 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ वार्ता से ठीक पहले की गई थी।
अन्य शराबों के आयात पर कोई कमी नहीं
हालांकि, अन्य शराबों के आयात पर ऑरिजिनल कस्टम ड्यूटी में कोई कमी नहीं की गई है। अमेरिका भारत को बॉर्बन व्हिस्की का प्रमुख निर्यातक है और भारत में आयात की जाने वाली ऐसी सभी शराब का लगभग एक चौथाई भाग अमेरिका से आता है। व्हाइट हाउस में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने नए टैरिफ के आदेश पर साइन कर सनसनी मचा दी थी। उन्होंने हाई टैरिफ को लेकर भारत पर भी निशाना साधा था और हार्ले डेविडसन मोटरसाइकिल का हवाला दिया था।
अब कितना लगेगा टैक्स?
भारत सरकार ने 13 फरवरी को टैरिफ एडजस्टमेंट नोटिफिकेशन जारी किया था। नए स्ट्रक्चर के बाद बॉर्बन व्हिस्की पर 50 फीसदी की बेसिक कस्टम ड्यूटी लगाई जाएगी, साथ ही 50 फीसदी अतिरिक्त शुल्क भी लगाया जाएगा, जिससे कुल टैरिफ 100 फीसदी हो जाएगा। इस बदलाव से पहले इंपोर्ट पर 150 फीसदी टैरिफ लगता था।
टैरिफ में संशोधन का संकेत
टैरिफ में यह कटौती मुख्य रूप से अमेरिकी बॉर्बन उत्पादकों को लाभ पहुंचाएगी। यह अमेरिकी वस्तुओं पर भारत के आयात शुल्क में महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है। पीडब्ल्यूसी इंडिया के पार्टनर प्रतीक जैन ने कहा कि यह कदम भारत के अपने रणनीतिक साझेदार देशों के साथ टैरिफ में संशोधन करने के लिए खुलेपन का संकेत देता है, खासकर स्पिरिट जैसे क्षेत्रों में। उन्होंने कहा कि यह निर्णय भारत में उच्च आयात शुल्क को लेकर वैश्विक व्यवसायों की व्यापक चिंताओं के बीच लिया गया है। Diageo और Pernod Ricard जैसी इंटरनेशनल लिकर (Liqueur) कंपनियों की भारत के स्पिरिट्स मार्केट में मजबूत उपस्थिति है और कई इंडस्ट्री लीडर्स ने अक्सर देश में विदेशी शराब पर अधिक टैक्स दरों को लेकर चिंता व्यक्त की थी।
टैरिफ में कमी एक रणनीतिक कदम: गिरी
ब्रेवर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (Brewers Association of India) के महानिदेशक विनोद गिरी ने माना कि बॉर्बन पर टैरिफ में कमी एक रणनीतिक कदम है। इसका उद्देश्य अमेरिकी चिंताओं को दूर करना और किसी भी बदले की भावना को लेकर उठाए गए कदम को रोकना है। गिरी ने बताया कि मोटरबाइक की तरह बॉर्बन पर टैरिफ का भी बहुत बड़ा महत्व है। उन्होंने कहा कि यह कदम अमेरिका को भारत की निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं के प्रति कमिटमेंट के प्रति आश्वस्त करने के लिए उठाया गया है।