Poet Painter Imroz Amrita Pritam Died: आखिरकार अमृता प्रीतम और इमरोज की प्रेम कहानी का अंत आज हो ही गया। मशहूर कवि और चित्रकार इमरोज भी दुनिया को अलविदा कह गए। आज 97 साल की उम्र में मुंबई में कांदिवली स्थित अपने आवास पर उन्होंने आखिरी सांस ली। उनके निधन की पुष्टि उनकी करीबी और कवयित्री अमिया कुंवर ने की। अमिया के अनुसार, इमरोज पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे। कुछ दिन अस्पताल में भर्ती रहे, लेकिन 2 दिन पहले ही उन्हें घर लाया गया था, जहां आज उनका निधन हो गया। उनके निधन से साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
इमरोज और अमृता प्रीतम की मशहूर प्रेम कहानी
इमरोज का अपने जीवन में मशहूर कवयित्री अमृता प्रीतम से सबसे खास कनेक्शन रहा। उनकी और अमृता प्रीतम की प्रेम कहानी दुनियाभर में मशहूर है। वे दोनों एक दूसरे के इतने करीब थे कि बिना शादी किए 40 साल साथ रहे। अमृता प्रीतम के आखिरी दिनों में भी इमरोज उनके साथ ही रहे। 31 अक्टूबर 2005 को अमृता का निधन हुआ था। अमृता उन्हें जीत कहकर बुलाती थीं। अमृता-इमरोज की उम्र में 7 साल का अंतर था। अमृता की मौत होने के बाद इमरोज कवि बने। अमृता ने अपने आखिरी पलों में इमरोज के लिए एक कविता लिखी थी। इस कविता के शब्द थे- मैं तुम्हे फिर मिलूंगी...। इमरोज ने भी अमृता के लिए कविता लिखी थी, जिसके शुरुआती शब्द थे- उसने जिस्म छोड़ा है, साथ नहीं...
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पाकिस्तान में जन्मे इमरोज भारत आकर बस गए
1926 में पाकिस्तान में जन्मे इमरोज का असली नाम इंद्रजीत सिंह था। उनका जन्म लाहौर से 100 किलोमीटर दूर एक गांव में साधारण परिवार में हुआ था। अमृता के दुनिया से जाने के बाद से ही इमरोज गुमनामी का जीवन जी रहे थे। उन्होंने पिछले कुछ सालों से किसी से मिलना-जुलना बंद कर रखा था। अमृता अपनी एक किताब के कवर पेज के लिए डिजाइन तलाश रही थीं। इसी दौरान उनकी मुलाकात अमृता प्रीतम से हुई थी। इसके बाद बंटवारे के चलते दोनों पाकिस्तान से भारत आए और यही बस गए।
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