हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ भारत द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान ने भारत पर जो ड्रोन हमले किए, उनमें से कुछ तुर्की से आए थे। भारत ने इन ड्रोन हमलों को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया, लेकिन इसके बाद देशभर में तुर्की के खिलाफ गुस्सा फैल गया। सोशल मीडिया पर लोगों ने तुर्की से आयात पर रोक लगाने और वहां घूमने जाने से मना करने की मांग की। व्यापारियों और आम नागरिकों ने सरकार से भारत-तुर्की संबंध तोड़ने की अपील की है।
भारत-तुर्की व्यापार बंद होने से कई चीजें होंगी महंगी
अगर भारत सरकार तुर्की के साथ सभी संबंध तोड़ने का फैसला करती है, तो इसका सीधा असर दोनों देशों के बीच के व्यापार पर पड़ेगा। भारत तुर्की से कई तरह की चीजें आयात करता है, जिनमें इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, मशीनरी, रसायन, कंस्ट्रक्शन का सामान और काजू, अखरोट जैसे ड्राई फ्रूट शामिल हैं। इसके अलावा कई भारतीय कंपनियां तुर्की से कच्चा माल मंगवाती हैं, जैसे कि फैब्रिक, प्लास्टिक और ऑटो पार्ट्स। इन प्रोडक्ट की आपूर्ति रुकने से इनकी कीमतें भारत में बढ़ सकती हैं, जिससे आम उपभोक्ता को ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ सकता है।
निर्माण और टूरिज्म क्षेत्रों पर भी पड़ेगा असर
विशेषज्ञों के अनुसार अगर तुर्की से आयात बंद होता है, तो भारत को वैकल्पिक देशों से ये सामान मंगवाने पड़ेंगे, जो महंगे पड़ सकते हैं। उदाहरण के तौर पर तुर्की से आने वाले सिरेमिक टाइल्स और बाथरूम फिटिंग्स अब चीन या यूरोपीय देशों से लानी पड़ेंगी, जिनकी कीमत ज्यादा होगी। इसके अलावा भारत के कई कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स में तुर्की की कंपनियां लगी हुई हैं, उन प्रोजेक्ट्स पर भी असर पड़ सकता है। टूरिज्म क्षेत्र को भी नुकसान हो सकता है, क्योंकि हर साल हजारों भारतीय तुर्की घूमने जाते हैं।
सुरक्षा के कारण हो सकता है सख्त फैसला
सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन सुरक्षा मामलों के जानकारों का कहना है कि अगर तुर्की ने पाकिस्तान को जानबूझकर सैन्य मदद दी है, तो यह भारत की सुरक्षा के लिए खतरा है। ऐसे में सरकार को सख्त फैसला लेना पड़ सकता है। हालांकि भारत के लिए यह फैसला आसान नहीं होगा, क्योंकि इससे देश के उद्योग और अर्थव्यवस्था को भी नुकसान हो सकता है। फिर भी देश की सुरक्षा सर्वोपरि है और अगर तुर्की भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल पाया गया, तो व्यापारिक रिश्ते तोड़ना तय माना जा रहा है। जनता की भावनाएं भी इसी ओर इशारा कर रही हैं। आइए जानते हैं सबसे ज्यादा किन-किन चीजों के आयात पर फर्क पड़ेगा।
मार्बल की कीमतें बढ़ सकती हैं
भारत में इस्तेमाल होने वाले लगभग 70% मार्बल तुर्की से आयात किए जाते हैं। अगर भारत और तुर्की के बीच संबंध और खराब हो जाते हैं, तो मार्बल का आयात प्रभावित होगा। इससे देश में मार्बल की कमी हो सकती है और इसकी कीमतें बढ़ जाएंगी। इसका असर खासकर कंस्ट्रक्शन और इंटीरियर डिजाइन की इंडस्ट्री पर पड़ेगा क्योंकि इन क्षेत्रों में मार्बल का ज्यादा इस्तेमाल होता है।
सेब की सप्लाई पर असर
भारत हर साल तुर्की से लगभग 1.29 लाख टन सेब आयात करता है। लेकिन वर्तमान में कई भारतीय व्यापारी तुर्की से सेब मंगवाने से मना कर रहे हैं। अगर सरकार इस पर कोई पाबंदी लगाती है या निर्णय लेती है, तो बाजार में सेब की उपलब्धता कम हो सकती है और इसके दाम बढ़ सकते हैं। इससे आम जनता को महंगे दामों पर सेब खरीदने पड़ सकते हैं।
कालीन महंगे हो सकते हैं
तुर्की के ऊनी और रेशमी कालीन भारत में बहुत प्रसिद्ध हैं। अगर भारत तुर्की से कालीनों का आयात बंद कर देता है तो बाजार में इनकी उपलब्धता घट जाएगी। इससे यह कालीन महंगे हो सकते हैं।
सजावटी आइटम की कीमत बढ़ेगी
तुर्की के सजावटी आइटम अपने सुंदर डिजाइन और प्रीमियम क्वालिटी के लिए जाने जाते हैं। अगर आयात पर असर पड़ता है, तो ये सजावटी आइटम भारत में महंगे हो जाएंगे। इससे इंटीरियर डिजाइन का खर्च भी बढ़ सकता है और आम ग्राहक इन चीजों को खरीदने से कतराने लगेंगे।
तुर्की फर्नीचर की आपूर्ति में बाधा
तुर्की का फर्नीचर अपनी शानदार डिजाइनों और लक्जरी लुक के कारण भारत में, खासकर होटल इंडस्ट्री में, बहुत पसंद किया जाता है। अगर भारत और तुर्की के बीच व्यापारिक संबंध और खराब होते हैं, तो इसका सीधा असर फर्नीचर की सप्लाई पर पड़ेगा और कीमतों में तेजी आएगी। इससे होटल और बड़ी परियोजनाओं में लागत बढ़ जाएगी।
अन्य चीजें भी होंगी प्रभावित
अगर भारत और तुर्की के रिश्ते और बिगड़ते हैं तो और भी कई प्रोडक्शन प्रभावित होंगे। इनमें चेरी और सूखे मेवे, मसाले, हर्बल चाय, पारंपरिक टाइल्स, आभूषण,कपड़े, ऑलिव ऑयल और चॉकलेट शामिल हैं। इन चीजों की भारत में मांग है और अगर इनका आयात रुकता है तो दुकानों में इनकी कमी हो सकती है और कीमतें बढ़ सकती हैं। इससे व्यापार घाटा भी हो सकता है।
व्यापार संबंधों की स्थिति
पिछले पांच वर्षों में भारत और तुर्की के बीच व्यापार स्थिर रहा है। अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के बीच भारत ने तुर्की को लगभग ₹44,500 करोड़ का माल निर्यात किया। इससे पिछले साल 2023-24 में यह आंकड़ा ₹56,873 करोड़ था। अगर इन देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों में खटास आती है, तो यह दोनों देशों के व्यापार के लिए नुकसानदायक हो सकता है।